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बहराइच हिंसा पर DGP प्रशांत कुमार सख्त, लापरवाही बरतने वालों पर गिरेगी गाज; जारी की ये नई एडवाइजरी

Bahraich Violence Review Meeting: बहराइच हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हिंसा के बाद उन्होंने समीक्षा बैठक ली। जिसमें पुलिसकर्मियों के लिए भी खास हिदायतें दी गई हैं। डीजीपी ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा न जाए।

Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डीजीपी प्रशांत कुमार ने बहराइच हिंसा के बाद समीक्षा बैठक की है। जिसमें उन्होंने जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इससे पहले हुई हिंसक घटनाओं के बाद कानून व्यवस्था को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारी उनसे जुड़े। लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई करने के आदेश उन्होंने सीनियर अधिकारियों को दिए हैं। आगामी त्योहारों पर कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनी रहे, इसको लेकर भी चर्चा हुई है। सभी एडीजी जोन और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एसटीएफ चीफ अमिताभ यश भी इस दौरान वीसी के जरिए मीटिंग से जुड़े। यह भी पढ़ें:अर्श डल्ला, गोल्डी बराड़ से लखबीर सिंह तक… कनाडा में छिपे हैं पंजाब के ये 7 खूंखार गैंगस्टर इस दौरान डीजीपी ने अधिकारियों से कहा कि दंगा नियंत्रण स्कीम को अपडेट किया जाए। टीमों में संबंधित मजिस्ट्रेट शामिल किए जाएं। पुलिस बल को हर समय ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा जाए। समय-समय पर उनकी रिहर्सल करवाई जाए। दंगे की स्थिति में क्या करना है? इसकी जानकारी हर पुलिसकर्मी को हो। किसी भी आयोजन से पहले उसकी पुलिस ब्रीफिंग हो। बिना जानकारी दिए पुलिस की ड्यूटी न लगाई जाए। पूरा आकलन करने और भीड़ से निपटने के गुर सीखने के बाद ही पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए। पुलिस के पास जुलूसों के रास्तों, आबादी आदि को लेकर पूरी जानकारी होनी चाहिए। पुलिस को संवेदनशील जगहों की पहचान करने और दूरबीन और आधुनिक हथियार देने के बाद ही फील्ड में उतारा जाए। इलाकों के सभी वर्गों में समन्वय बनाया जाए।

सिविल वॉलंटियर्स को दी जाए जिम्मेदारी

वार्ड मेंबरों, ग्राम प्रधानों, ग्राम समितियों और चौकीदारों को भी जिम्मेदारी दी जाए। भड़काऊ भाषण देने वालों, माहौल खराब करने वालों पर तुरंत एक्शन लिया जाए। पीस कमेटी और शांति कमेटियां बनाई जाएं। जिनमें सिविल वॉलंटियर्स को शामिल किया जाए। संवेदनशील इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च और पेट्रोलिंग की जाए। 112 वाहनों को फेरे बढ़ाए जाएं। धार्मिक स्थलों पर नजर रखी जाए। पोस्टर, बैनर तक की बारीकी से जांच हो। सोशल मीडिया फेसबुक आदि को भी UP पुलिस लगातार चेक करे। कहीं कोई संदिग्ध चीज नजर आए तो तुरंत एक्शन लिया जाए। कंट्रोल रूम में सभी उपकरण अपडेट हों। पुलिसकर्मियों की यहां शिफ्टवार 24 घंटे तैनाती की जाए। यह भी पढ़ें:अब आई B-Tech पानीपुरी वाली महिला, Thar से बेचने आती हैं गोलगप्पे; आनंद महिंद्रा भी कर चुके तारीफ  


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