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यूपी में अखिलेश का ‘उत्तराधिकारी’ कौन? यादव का कटा पत्ता, इस बिरादरी से बनेगा नेता प्रतिपक्ष!

UP Opposition Leader : उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा? इसे लेकर समाजवादी पार्टी में मंथन जारी है। अखिलेश यादव पीडीए के तहत ही किसी विधायक को विरोधी दल का नेता बना सकते हैं। आइए जानते हैं कि किस बिरादरी से बनेगा नेता प्रतिपक्ष?

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jul 25, 2024 21:14
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यूपी विधानसभा में कौन होगा नेता प्रतिपक्ष?

UP Opposition Leader : लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद यूपी में अखिलेश यादव का मनोबल बढ़ गया। इस चुनाव में उनका पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक (PDA) का फॉर्मूला काम कर गया, जिससे सपा के खाते में 37 सीटें आईं। अब उनकी नजर यूपी विधानसभा उपचुनाव पर टिकी हैं। इससे पहले उनके सामने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुनने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में अखिलेश यादव पीडीए के तहत किसी विधायक को विधानसभा में अपना ‘उत्ताधिकारी’ बना सकते हैं। चर्चा है कि नेता प्रतिपक्ष यादव बिरादरी से नहीं होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले तक सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। इसके बाद उन्होंने कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर वे केंद्र की राजनीति में सक्रिय हो गए। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया। इसके लिए शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर और माता प्रसाद पांडेय के नामों की चर्चा चल रही है। हालांकि, चारों में से कौन नेता प्रतिपक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार है? इसका फैसला अखिलेश यादव करेंगे।

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क्यों कट सकता है शिवपाल का पत्ता

इससे पहले अखिलेश यादव ने एक बार फिर लाल बिहारी यादव को यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बना दिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा में यादव बिरादरी से कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं बनेगा, जिससे शिवपाल यादव का नाम कट सकता है। अखिलेश यादव सत्ता पक्ष को बोलने का कोई मौका नहीं देना चाहते हैं, इसलिए वे परिवार से किसी सदस्य को इस पद पर नहीं बैठाएंगे।

इंद्रजीत सरोज रेस में क्यों पिछड़े?

इस पद के लिए सपा नेता इंद्रजीत सरोज के नाम की भी चर्चा है। वे पासी बिरादरी से आते हैं। सपा ने लोकसभा चुनाव में उनके बेटे पुष्पेंद्र सरोज को टिकट दिया था और उन्होंने जीत हासिल की। इंद्रजीत सरोज विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हुए थे। ऐसे में अखिलेश यादव उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर पार्टी के पुराने नेताओं को नाराज नहीं कर सकते हैं।

माता प्रसाद के नाम की भी चर्चा

सपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे माता प्रसाद पांडेय भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में हैं। वे सवर्ण वर्ग से आते हैं। ऐसे में अखिलेश यादव पीडीए के बाहर किसी नेता को विरोधी दल का नेता नहीं बनाएंगे, क्योंकि उनके सामने यूपी उपचुनाव है।

राजभर बिरादरी को साधने की कोशिश

पूर्वांचल के कई जिलों में अति पिछड़े समाज के तहत राजभर बिरादरी का वोट बैंक अच्छा खासा है और उनका चुनाव में भी असर देखने को मिलता है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने ओमप्रकाश राजभर को एनडीए में शामिल कर लिया था। इस पर अखिलेश यादव ने राजभर वोटरों को साधने के लिए रामअचल राजभर पर दांव चला था, जिसका असर लोकसभा चुनाव में देखने मिला।

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कौन हैं रामअचल राजभर?

बसपा की सरकार में रामअचल राजभर चार बार मंत्री रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी में भी कई अहम जिम्मेदारी निभाई थी। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे और सपा से चुनाव लड़कर विधायक बने। इस पर अखिलेश यादव ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। उनकी पकड़ राजभर बिरादरी के साथ ही दलित वर्ग में अच्छी खासी है।

क्यों प्रबल दावेदार हैं रामअचल

बेंगलुरु में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में खिलेश यादव के साथ रामअचल राजभर भी नजर आए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश यादव पूर्वांचल में साइकिल चलाने के लिए रामअचल राजभर को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं। वे पीडीए के तहत ही ओबीसी से आते हैं। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कर देंगे।

First published on: Jul 25, 2024 09:13 PM

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