Turkey Earthquake: तुर्की में आए बेहद शक्तिशाली भूकंप के बाद पूरा देश तहस-नहस हो गया। कई मंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। इसके बाद भारत की ओर से तुर्की के लिए तत्काल मदद के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को रवाना किया गया।
टीम ने 10 दिन तक चलाया बचाव अभियान
एएनआई के मुताबिक एनडीआरएफ की 47 सदस्यीय टीम और डॉग स्क्वायड शुक्रवार को भारत वापस लौट आए। ये टीम भूकंप प्रभावित तुर्की (Turkey Earthquake) में पिछले 10 दिनों से बचाव अभियान में जुटी थी। बता दें कि जूली, रोमियो, हनी और रेम्बो भूकंप प्रभावित तुर्की में बचाव कार्यों में लगे चार भारतीय डॉग स्क्वायड के सदस्य थे।
40 हजार से ज्यादा लोगों की हुई मौत
सूंघने और बचाव कार्य में प्रशिक्षित लैब्राडोर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की दो अलग-अलग टीमों के साथ तुर्की के लिए रवाना हुए थे। इस भूकंप में 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों लोग बेघर हो गए हैं।
7.8 तीव्रता का आया था भूकंप, चारों ओर तबाही
बता दें कि तुर्की में 7.8 तीव्रता के भूकंप के तुरंत बाद भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' की घोषणा की थी। इसके बाद तुर्की में राहत और बचाव कार्यों के तहत 60 पैरा फील्ड अस्पताल बनाए गए। इसके अलावा एनडीआरएफ और भारतीय सेना की टीम भेजी गई थी।
डॉग स्क्वॉड ने किया बेहतरीन काम
अधिकारियों ने समाचार एजेंसियों को बताया कि तुर्की में तैनात एनडीआरएफ के छह डॉग मलबे में फंसे लोगों को बचाने में बहुत प्रभावी साबित हुए हैं। एनडीआरएफ के कमांडिंग ऑफिसर गुरमिंदर सिंह ने मीडिया को बताया कि तुर्किये अभियान के दौरान हमारे श्वान बचावकर्ता बहुत प्रभावी साबित हुए हैं।
NDRF की टीम में महिला सदस्य भी शामिल थीं
NDRF की सब-इंस्पेक्टर शिवानी अग्रवाल ने बताया कि मेरी पूरी टीम वापस आ गई है। टीम में पांच महिलाएं भी शामिल हैं। भूकंप ने तुर्की को तबाह कर दिया है और स्थिति बहुत गंभीर है। हमने प्रभावित लोगों की मदद करने और उन्हें भावनात्मक रूप से समर्थन देने के लिए एक टीम के रूप में काम किया।
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