दिव्या अग्रवाल, अयोध्याRam Mandir Trust General Secretary Exclusive Interview: सारे हिन्दुओं में उत्साह है, 15 अगस्त 1947 को देश में कैसा उत्साह था नहीं पता, लेकिन वैसा ही उत्साह आज है। 22 जनवरी का दिन भी 15 अगस्त 1947 जैसा स्पेशल दिन होगा। 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन का इंतजार खत्म हो जाएगा। 22 जनवरी को राम मंदिर की भव्यता पूरी दुनिया देखेगी, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में रामलला को विराजमान करेंगे, लेकिन इस राम मंदिर को बनाने के पीछे जो कड़ा संघर्ष रहा, उसको भुलाया नहीं जा सकता। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव से न्यूज़24 ने ख़ास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर रामलला के मंदिर का काम कितना पूरा हुआ और 22 जनवरी को देशवासी क्या करें...
एक हजार साल तक खड़ा रखना राम मंदिर
चंपत राय कहते हैं कि राम मंदिर की उम्र लगभग 1000 साल से ज्यादा होगी। इसके पीछे ख़ास वजह यह है कि इस मंदिर को बनाने में न ही लोहे का इस्तेमाल हुआ। न ही ज़मीन के ऊपर कंक्रीट है। यही वजह थी कि राम तीर्थ ट्रस्ट के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण मंदिर की नींव को 1000 साल तक खड़े रखने का टारगेट पूरा करना था। मिट्टी नहीं थी, रेत ही रेत थी, इसलिए राम मंदिर बनाने में लोहा नहीं लगाया गया। ज़मीन के ऊपर कंक्रीट नहीं है। बड़े-बड़े पत्थरों से बना स्ट्रक्चर है। 21 लाख क्यूबिक पत्थर हैं और नीचे धरती, जो रेतीली है। इसलिए आर्टिफिशल रॉक तैयार की गई है। मंदिर उद्घाटन के साथ अयोध्या की तकदीर भी बदलती नजर आएगी। हालांकि प्रदेश की योगी सरकार का लक्ष्य है कि अयोध्या धार्मिकता के साथ-साथ पर्यटन की नगरी के रूप में भी विश्व के मानचित्र पर स्थापित हो। इसके लिए मर्यादा पुरुषोत्तम इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी राम भक्तों के लिए तैयार है।
एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और वंदे भारत तैयार
भारतीय सेना का पहला बोइंग ट्रायल के तौर पर एयरपोर्ट पर उतर चुका है। नई दिल्ली से अयोध्या के लिए एयर इंडिया और इंडिगो की पहली फ्लाइट 30 दिसंबर को आएगी। इसके बाद इंडिगो 6 जनवरी और एयर इंडिया 16 जनवरी से नियमित फ्लाइट शुरू करेंगी। शुरुआती किराया 3597 रुपये है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा से पहले से ही 16 से 22 जनवरी के बीच में टिकट के दाम 14 हजार तक पहुंच जाएंगे। वहीं अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण करके इसका विस्तार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस रेलवे स्टेशन से 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या जंक्शन के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे, जिसमे वे वंदे भारत के साथ अमृत भारत एक्सप्रेस का भी उद्घाटन कर सकते हैं। इस तरह सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग से भगवान राम की नगरी अयोध्या चमचमाती नजर आएगी।
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संतों के ठहरने के लिए बनाई गईं 3 टेंट सिटी
देश के कोने-कोने से हजारों संत राम मंदिर के उद्घाटन के उन अद्भुत पलों का साक्षी बनने के लिए अयोध्या में आमंत्रित हैं। ऐसे में अयोध्या में ठहरने की व्यवस्था भी पुरजोर होनी चाहिए, चूंकि अयोध्या में न तो बड़ी संख्या में होटल हैं और न गेस्ट हाउस हैं। ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या में 3 टेंट सिटी बनाई हैं। दरअसल टीन का नगर बसाया है, जिसे टेंट सिटी नाम दिया गया है। मनी पर्वत, कारसेवकपुरम और मनी राम छावनी में टेंट सिटी बनाई गई हैं। कारसेवकपुरम में 1500 और तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 हजार संतों को ठहराया जाएगा। यहां से बसों के माध्यम से उन्हें राम मंदिर भी पहुंचया जायेगा। इस टेंट सिटी मे 6 नगर बसाये गए हैं, जिनको राम मंदिर के योद्धाओं के नाम दिए गए हैं- अशोक सिंघल परिसर, महंत अभिराम दास ज़ी महाराज परिसर, महंत अवैध नाथ महाराज, रामानुजाचार्य और माधवचार्य परिसर।
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22 जनवरी को क्या खास करें देशवासी?
चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को देशवासी अपने गांव, अपने मोहल्ले, मंदिर में भजन, कीर्तन करें। प्रसाद बांटें। अपने देवता के मंदिर को जगाएं। LED स्क्रीन से अयोध्या का डायरेक्ट टेलीकास्ट करें। सूर्य अस्त के बाद अपने घरों में दीपक जलाएं। दीपोत्सव मनाएं। पूरी दुनिया को सांस्कृतिक स्वतंत्रता, राम सबके हैं, इसका अहसास करवाएं। भोजन, भगवान का प्रसाद अपने घर ले जा सकें भक्त, 22 जनवरी को इसकी तैयारी कीजिए।
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