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Greater Noida News: मेडिकल डिवाइस पार्क में बनेगा गामा रेडिशन सेंटर, आईआईटी दिल्ली की होगी अहम भूमिका

Greater Noida News: उत्तर प्रदेश के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क (एमडीपी) में अब अत्याधुनिक गामा रेडिएशन सेंटर स्थापित होने जा रहा है. इसके लिए यमुना प्राधिकरण (यीडा) जल्द ही नवी मुंबई स्थित बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी (बीआरआइटी) के साथ अनुबंध करेगा.

Greater Noida News: उत्तर प्रदेश के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क (एमडीपी) में अब अत्याधुनिक गामा रेडिएशन सेंटर स्थापित होने जा रहा है. इसके लिए यमुना प्राधिकरण (यीडा) जल्द ही नवी मुंबई स्थित बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी (बीआरआइटी) के साथ अनुबंध करेगा. बीआरआइटी केंद्र की तकनीकी जांच करेगा.

कंपनियों को भेजा जाएगा प्रस्ताव

मानकों के आधार पर यीडा गामा रेडिएशन सेंटर की स्थापना के लिए इच्छुक कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित करेगा. वहीं, थ्री डी डिजाइन एंड रैपिड प्रोटोटाइप और इंटरनेट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी लैब जैसी अन्य सुविधाओं के लिए प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन आईआईटी दिल्ली से कराया जाएगा.

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प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क

यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 350 एकड़ में प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित हो रहा है. यहां इलेक्ट्रॉनिक्स आधारित चिकित्सा उपकरणों का निर्माण होगा. अब तक 101 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है और इनमें से पहली इकाई शुरू भी हो चुकी है. केंद्र सरकार ने पार्क के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया है. इस राशि से प्रशासनिक भवन समेत 6 कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटी विकसित की जा रही हैं.

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थ्री डी डिजाइन फैसिलिटी पर नौ कंपनियों की नजर

थ्री डी डिजाइन एंड रैपिड प्रोटोटाइप फैसिलिटी के लिए यीडा ने कंपनियों से प्रस्ताव मांगे थे. इसके तहत कंपनियों को चार थ्री डी प्रिंटर और संबंधित सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने होंगे. इसकी अनुमानित लागत 6.97 करोड़ रुपये है.

9 कंपनियों ने रुचि दिखाई

अब तक 9 कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जबकि 16 अक्टूबर को हुई प्री-बिड बैठक में आठ कंपनियों ने अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराई. यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि आइआइटी दिल्ली से मूल्यांकन कराने के बाद कंपनियों को निविदा में भाग लेने का अवसर दिया जाएगा.

लैब के लिए चार कंपनियों ने दिखाया रुझान

इंटरनेट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी लैब में कंपनियों को सेंसर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने होंगे. इसकी अनुमानित लागत 3.88 करोड़ रुपये तय की गई है. इसमें चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है और दो कंपनियों ने प्री-बिड में अपने सुझाव दिए हैं. इन प्रस्तावों का मूल्यांकन भी आईआईटी दिल्ली द्वारा किया जाएगा.

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