Cancer Patient Ansh Srivastava: उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी मनु श्रीनवास्तव ने अपने 21 साल के बेटे अंश श्रीवास्तव की जिंदगी बचाने की गुहार लगाई है, क्योंकि वह स्टेज-4 के कैंसर से जूझ रहा है. मुन ने रूस की पुतिन सरकार ने अंश पर कैंसर वैक्सीन का परीक्षण करने की अपील की है. इसके लिए उन्होंने अंश की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, रूस और साउथ कोरिया की सरकार को लेटर लिखा है कि वे उनके बेटे अंश पर कैंसर की उस दवाई का परीक्षण करें, जिसे रूस के वैज्ञानिक बना रहे हैं.
रूस से आया लेटर का ये जवाब
बता दें कि रूस की सरकार ने लेटर का जवाब दिया है. 27 अक्टूबर 2025 को अंश और उसके पिता मनु को रूस की पुतिन सरकार का ऑफिशियल लेटर मिला. मनु ने बताया कि रूस में कैंसर की जो दवाई बनी है, वह भारत में उपलब्ध नहीं है, इसलिए उन्होंने रूस की सरकार से अंश पर टीके का परीक्षण करने का अनुरोध किया है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अनुरोध पर विचार किया जा रहा है और अंश पर दवाई का परीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को लेटर सुझाव दिया गया है. ऐसे में अब अंश की जिंदगी का फैसला रूस की सरकार और वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के हाथ में है.
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परीक्षण कराने को तैयार परिवार
मुन ने कहा कि कैंसर की दवाई का परीक्षण सफल हो सकता है और फेल भी हो सकता है, दोनों स्थितियों के लिए परिवार तैयार है. वैसे भी अंश को स्टेज-4 का कैंसर है और डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं, लेकिन उसके ठीक होने की उम्मीद न के बराबर है. डॉक्टर भी न जवाब दे रहे हैं और न ही कोई उम्मीद बंधा रहे हैं.
इस बीच पता चला कि रूस में कैंसर का एक टीका विकसित किया गया है, जो बीमारी के इलाज में प्रभावी साबित हो रहा है, इसलिए भारत सरकार और रूसी सरकार को लेटर लिखकर अनुरोध किया कि वे रूस में बनी कैंसर की दवाई का परीक्षण अंश पर भी करें, क्या पता वह ठीक हो जाए, वरना जो होगा देखा जाएगा.
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भारत सरकार भी करेगी अनुरोध
मनु ने बताया कि केंद्र सरकार का लेटर भी आया है, जिसमें आश्वासन दिया गया है कि भारतीय अधिकारी रूस के अधिकारियों से अंश पर दवाई का परीक्षण करने का अनुरोध करेंगे. वैसे रूस की सरकार अपने लोगों पर ही दवाई का परीक्षण कर रही है. किसी दूसरे देश के नागरिक पर दवाई का परीक्षण करने की अनुमति पुतिन सरकार ने नहीं दी है, फिर भी वे अनुरोध करेंगे.
फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEF) में घोषणा की थी कि रूस की कैंसर वैक्सीन ने प्री-क्लिनिकल टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, रिजल्ट पॉजिटिव आया है और रिसर्च में भी स्पष्ट हुआ है कि दवाई और इंजेक्शन लेने के बाद कैंसर मरीज के जिंदा रहने की दर में इजापुा हुआ है.