1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किए गए हैं। राजीव कृष्ण की चर्चा आगरा में वर्ष 2004 में बतौर एसएसपी तैनाती को लेकर खूब होती है। आगरा एसएसपी के तौर पर उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ राजीव कृष्ण ने प्रभावी कार्रवाई की थी।
दिल्ली से लेकर लखनऊ तक चला मंथन
राजीव कृष्ण वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और विजिलेंस निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं दिया गया। इसके साथ ही डीजीपी पद से उनका रिटायरमेंट हो गया है। बताया जा रहा है कि राजीव कृष्ण के नाम पर लखनऊ से दिल्ली तक कई दौर की गहन मंथन के बाद अंतिम मुहर लगी। इससे पहले, कयास लगाए जा रहे थे कि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार दिया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने सेवा विस्तार की अनुमति नहीं दी, जिसके चलते राज्य सरकार को नया डीजीपी नियुक्त करना पड़ा।
सेवा विस्तार की चर्चा के बाद प्रशांत कुमार हुए रिटायर
बताया जा रहा है कि 31 मई को रिटायर होने वाले 5 आईपीएस अफसरों का विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। इस समारोह में प्रशांत कुमार का नाम नहीं था। इसे लेकर चर्चा हो रही थी कि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और 31 मई को वह भी रिटायर हो गए।
आखिर क्यों प्रशांत कुमार को एक्सटेंशन नहीं मिला
अगर कोई पुलिस निदेशक यानी डीजे लेवल का अधिकारी को डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक का प्रभार दिया जाता है तब उसका एक्सटेंशन नियमावली में बहुत ही जटिल प्रक्रिया है एक्सटेंशन के लिए एक नई प्रक्रिया के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट परमिशन देता है। जिसका अभी तक की कोई प्रावधान नहीं बना है। इसलिए कार्यवाहक डीजीपी रहे प्रशांत कुमार का एक्सटेंशन संभवत नहीं हो पाया। दूसरी वजह है कि लंबे समय से उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी की परंपरा बढ़ती चली आ रही है पिछले किसी भी कार्यवाहक डीजीपी को एक्सटेंशन नहीं मिला ऐसे में प्रशांत कुमार कार्यवाहक एक्सटेंशन मिलना ये एक नई प्रणाली की उत्तर प्रदेश में शुरुआत होती।