Hathras Stampede News: हाथरस में मंगलवार को एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या कम से कम 121 हो गई है। सवाल उठ रहा है कि इस भयावह हादसे के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है। जब रिपोर्ट सामने आएगी तब साफ हो जाएगा कि असल में इस घटना के पीछे किसकी गलती थी। लेकिन, फिलहाल इस हादसे से जुड़े कुछ ऐसे बड़े सवाल हैं जिनके जवाब कोई नहीं दे पा रहा है। बता दें कि इस सत्संग कार्यक्रम में ढाई लाख के आसपास लोग मौजूद थे जबकि परमिशन केवल 80 हजार लोगों के लिए ली गई थी। इस रिपोर्ट में जानिए हाथरस के हादसे से जुड़े 5 अनसुलझे सवाल, जिनके जवाब हर कोई मांग रहा है।
1. कैसे पहुंच गए 2.5 लाख श्रद्धालु?
रिपोर्ट्स के अनुसार स्थानीय एसडीएम ने सत्संग कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी। लेकिन पता चला है कि जब भगदड़ मची उस समय करीब ढाई लाख लोग वहां मौजूद थे। ऐसे में यह सवाल उठना तो लाजिमी है कि जब अनुमति केवल 80 हजार लोगों के लिए थी तो वहां ढाई लाख लोग कैसे पहुंच गए? प्रशासन को क्या इसकी भनक ही नहीं लगी?
अगर कार्यक्रम इतने बड़े स्तर का होता है तो प्रशासन मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराता है। लेकिन हाथरस में जब यह हादसा हुआ तो उस समय वहां पर ऐसी कोई सुविधा मौजूद नहीं थी। ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि प्रशासन आखिर इसे लेकर क्या कर रहा था। लेकिन प्रशासन की ओर से इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया है।
4. एंट्री और एग्जिट पॉइंट क्यों नहीं थे?
120 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली इस भगदड़ की सबसे बड़ी लापरवाही ये रही कि आयोजन स्थल पर एंट्री और एग्जिट पॉइंट ही नहीं बनाए गए थे। इससे लोगों को पता ही नहीं चल पाया कि वह कहां से निकल सकते हैं। इसकी वजह से कई लोग गड्ढों में गिरकर जान गंवा बैठे। इस सवाल का जवाब भी कोई नहीं दे पा रहा है। यह आयोजकों और प्रशासन दोनों की लापरवाही है।