मानस श्रीवास्तवGyanvapi Mosque ASI Survey Report Says It Was A Temple :वाराणसी की एक अदालत ने गुरुवार को निर्देश दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट दोनों पक्षों को उपलब्ध कराई जाए। आज यानी शुक्रवार को 839 पन्नों की यह रिपोर्ट हिंदू और मुसलमान दोनों पक्षों को मिल गई। सर्वे की स्टडी में चौंकाने वाला सच सामने आया है। रिपोर्ट पढ़ने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पहले मंदिर हुआ करता था।
मंदिर होने के क्या सबूत मिले
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इसे लेकर कहा कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी परिसर में हिंदू मंदिर के 32 चिह्न मिले हैं। 34 ऐसी वस्तुएं मिली हैं जो मंदिर से संबंधित हैं। कॉरिडोर में चौड़ा कुंआ और मंदिर में बहुत बड़ा चैंबर मिला है जिससे जुड़े हुए तीन और चैंबर मिले हैं। पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट बताती है कि यहां पहले एक भव्य हिंदू मंदिर हुआ करता था। एक जगह पर महा मुक्ति मंडप लिखा हुआ है।
जैन ने कहा कि ज्ञानवापी सर्वे में रिपोर्ट में मंदिर के जो 34 चिह्न मिले हैं वह असल में एक हिंदू मंदिर के शिलालेख हैं। इनका मौजूदा ढांचे को बनाने और मरम्मत में इस्तेमाल किया गया है। इन शिलालेखों पर देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियां देखने को मिली हैं। इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के नाम मिले हैं। इससे पता चलता है कि पहले ही संरचनाओं को नष्ट किया गया था और इनका इस्तेमाल दोबारा निर्माण करने में हुआ था।
उन्होंने आगे बताया कि एएसआई ने कहा है कि मस्जिद के विस्तार और निर्माण के लिए मौजूदा ढांचे में इस्तेमाल हुए खंभों और प्लास्टर का व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन किया गया था। इसमें पता चला कि स्तंभों और प्लास्टर सहित पहले से मौजूद मंदिरों के कुछ हिस्सों को थोड़े से बदलाव के साथ फिर से यूज किया गया। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इनका बारीकी से अध्ययन किए जाने पर पता चलता है कि वे मूल रूप से एक हिंदू मंदिर का हिस्सा थे।
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