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गुर्जर खाप पंचायत के 3 बड़े फरमान, भात नोतने और माता पूजन में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का आदेश

Gurjar Khap Panchayat Decisions: उत्तर प्रदेश की गुर्जर खाप पंचायत ने अपने समाज की भलाई के लिए 3 बड़े फैसले लिए हैं. फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए यह फैसले लिए गए और उन्हें लागू भी कर दिया गया है. आदेश का पालन न करने पर सजा देने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया जा रहा है.

Khap Panchayat

Gurjar Khap Panchayat Decisions: उत्तर प्रदेश के गुर्जर समाज की खाप पंचायत ने महापंचायत बुलाकर 3 प्रस्ताव पारित किए और उन्हें लागू कर दिया. तीनों प्रस्ताव फिजूलखर्ची रोकने से जुड़े हैं और तीनों को सहमति से पास करके लागू किया गया. साथ ही पंचायत के तहत आने वाले गांवों के लोगों को तीनों आदेशों का सख्ती से पालन करने को कहा गया. आदेश का उल्लंघन करने पर सजा भुगतने की चेतावनी भी दी गई है.

बता दें कि गुर्जर खाप पंचायत के दायरे में उत्तर प्रदेश के शामली जिले के 7 गांव बलवा, जसाला, रसूलपुर, ब्रह्मखेड़ा, मीमला, पंजोखरा और खंदरावली आते हैं. रविवार को गांव बलवा के जूनियर हाई स्कूल में सभी 7 गांवों की पंचायत बुलाई गई थी. पंचायत कलस्यान खाप की ओर से बुलाई गई थी, जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान ने दलील दी कि गांवों में सामाजिक कार्यों और परंपराओं पर अनावश्यक खर्च किया जा रहा है.

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प्रस्तावों पर महापंचायत में हुआ विचार विमर्श

खाप पंचायत में इस दलील पर सभी 7 गांवों के वक्ताओं ने विचार रखे और सुझाव भी दिए. वक्ताओं से मिले सुझावों के आधार पर खाप पंचायत ने बच्चों में संस्कार विकसित करने, माता पूजन सादगी के साथ कम खर्च में करने, भात नौतने और भात लेकर जाने में भी कम खर्च करने, गृह प्रवेश के लिए लोगों को निमंत्रण न देने और शुभ अवसरों पर मंगलामुखी को 1100 रुपये देने समेत कई मुद्दों पर विचार विमर्श करके सहमति ली गई.

विचार-विमर्श करने के बाद खाप पंचायत ने सहमति से 3 प्रस्ताव पारित किए. एक प्रस्ताव में कहा गया कि शादी ब्याह में भात नौतने जाने पर कम खर्च करना होगा. भात नौतने के लिए 5 से 7 महिलाएं ही जाएंगी. दूसरा प्रस्ताव माता पूजन को लेकर पारित किया गया कि माता पूजन को विवाह उत्सव की तरह नहीं मनाया जाएगा. न हलवाई बुलाया जाएगा और न ही मिठाइयां बांटी जाएंगी. माता पूजन बेहद सादगी से कम खर्च में किया जाएगा.

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UP की राजनीति में गुर्जरों का काफी दबदबा

बता दें कि पूरे उत्तर प्रदेश में गुर्जर समाज और इसकी खाप पंचायत की काफी प्रतिष्ठा है. खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर समाज का काफी दबदबा रहता है. प्रदेश की राजनीति में भी गुर्जर समाज बेहद अहम भूमिका निभाता है. गुर्जर समाज अपने मामलों में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करता और अपने समाज से जुड़े फैसले खुद लेना पसंद करता है. रविवार को बुलाई गई खाप पंचायत में गुर्जर समाज के भले के लिए ऐसे ही कुछ फैसले लिए गए.


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