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ग्रेटर नोएडा से बड़ा अपडेट: नए रूट पर मेट्रो लाइन के लिए GPS सर्वे अंतिम चरण में, होगी जियो टैगिंग

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में डिपो से बोड़ाकी तक 2.6 किमी लंबी नई मेट्रो लाइन के लिए जीपीएस और टोपोग्राफी सर्वे अंतिम चरण में है। 416 करोड़ की लागत से बनने वाली यह लाइन पूरी तरह एलिवेटेड होगी और बोड़ाकी को प्रमुख हब के रूप में विकसित किया जाएगा। पढ़ें प्रवीण विक्रम सिंह की रिपोर्ट।

Greater Noida News: नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक प्रस्तावित मेट्रो लाइन के विकास में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस मार्ग की टोपोग्राफी और जीपीएस सर्वेक्षण इस महीने के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद रूट की जियो टैगिंग और ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। NMRC अधिकारियों के अनुसार, यह मेट्रो लाइन लगभग 2.6 किलोमीटर लंबी होगी और पूरी तरह से एलिवेटेड डिजाइन पर तैयार की जाएगी। इस रूट पर केवल दो स्टेशन होंगे- जुनपत और बोड़ाकी, जिसमें बोड़ाकी स्टेशन को एक मेन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यह रूट मौजूदा एक्वा लाइन का एक्सटेंशन होगा, जो फिलहाल नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही है।

416 करोड़ की आएगी लागत

परियोजना पर करीब ₹416 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह ₹500 करोड़ से कम का प्रोजेक्ट है, इसलिए इसे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नहीं ले जाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसकी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मंजूरी दे देगी। मंजूरी मिलने के बाद एनएमआरसी डिज़ाइन कंसल्टेंट की नियुक्ति करेगा और निर्माण के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। ये भी पढ़ें- ग्रेटर नोएडा के किसानों के हक में आया हाईकोर्ट का फैसला, दो महीने के अंदर मिलेगा 10 प्रतिशत भूखंड

ड्रोन सर्वे की तैयारी

एनएमआरसी ने बताया कि इस मेट्रो रूट का ड्रोन से सर्वे करने की योजना बनाई गई है। विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमति ली जा रही हैं। सर्वे में पिलर की ऊंचाई, सड़क की चौड़ाई, नाले-नालियों की स्थिति, भवनों की मौजूदगी आदि का आकलन किया जा रहा है।

जीटी रोड तक विस्तार की मांग तेज

स्थानीय लोगों की मांग है कि इस मेट्रो रूट को दादरी के पास जीटी रोड तक बढ़ाया जाए। उनका कहना है कि इससे बुलंदशहर, सिकंदराबाद, अलीगढ़ और हाथरस जैसे शहरों के लाखों लोगों को नोएडा और दिल्ली आने-जाने में आसानी होगी। साथ ही भविष्य में बार-बार विस्तार की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ये भी पढ़ें- क्या है धारा 163, जो 9 जून तक नोएडा में लागू? क्या पाबंदियां, उल्लंघन पर कितनी सजा


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