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उत्तर प्रदेश में 300 करोड़ की MDMA मिली, STF ने 2 तस्कर दबोचे, नेपाल भागने की फिराक में थे

Two Accused Arrested by UP STF: यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली। यूपी एसटीएफ ने बाराबंकी से महाराष्ट्र के दो ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया। दोनों को बाराबंकी जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के बहराईच मोड़ से गिरफ्तार किया गया। ये दोनों तस्कर बाराबंकी के रास्ते से नेपाल भागने की फिराक में थे। बताया जा […]

Two Accused Arrested by UP STF: यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली। यूपी एसटीएफ ने बाराबंकी से महाराष्ट्र के दो ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया। दोनों को बाराबंकी जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के बहराईच मोड़ से गिरफ्तार किया गया। ये दोनों तस्कर बाराबंकी के रास्ते से नेपाल भागने की फिराक में थे। बताया जा रहा है कि ये दोनों ड्रग तस्कर मुंबई में 300 करोड़ की 150 किलोग्राम ड्रग्स की बरामदगी में फरार चल रहे थे। ड्रग तस्करों को महाराष्ट्र की क्राइम ब्रांच और यूपी STF ने संयुक्त अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपी की पहचान महाराष्ट्र के नासिक के रहने अभिषेक बिलास बालकवड़े और मुंबई के ही रहने वाले मोतीश्री नगर के अनिल पाटिल के रूप में की गई है। इनके पास से पुलिस को 6 डेबिट कार्ड, मोबाइल फोन और 2100 रुपए मिले हैं। एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि इन ड्रग तस्करों की काफी दिनों से पुलिस को तलाश थी। फिलहाल इन दोनों से ही पूछताछ की जा रही है।

आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे

सहायक पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा, पुणे, सुनील तांबे, जो ऑपरेशन का हिस्सा थे, एसटीएफ ने पहले लखनऊ का दौरा किया था और उन्हें चेतावनी के साथ महाराष्ट्र में 150 किलोग्राम-एमडीएमए जब्ती में मुख्य आरोपी की उपस्थिति से अवगत कराया था, कि वे नेपाल भागने की फिराक में हो सकते हैं।

पार्टियों में करते थे ड्रग सप्लाई

एसटीएफ के अनुसार, दोनों व्यक्ति पुणे और नासिक जिलों में कई अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में वांछित थे। ये दोनों आरोपियों ने महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल को 2 अक्टूबर को पुलिस हिरासत से भागने में मदद की थी। पूछताछ में पता चला कि भूषण अनिल पाटिल ललित पाटिल का छोटा भाई है और अभिषेक बिलास ललित पाटिल के ड्रग्स नेटवर्क का मैनेजर है,दोनों ने पुलिस को बताया कि वे ललित पाटिल के साथ मिलकर 2014 से एमडीएमए का निर्माण कर रहे थे और पब और रेव पार्टियों में ड्रग सप्लाई करते थे। गिरोह ने एक्स्टसी के नाम से मशहूर नशीले पदार्थ के निर्माण के लिए पहले औरंगाबाद और फिर पुणे और नासिक में कारखाने स्थापित किए थे। कानूनी कार्यवाही के बाद आरोपी को पुणे टीम को सौंप दिया गया।


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