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‘6 साल…10 हजार एनकाउंटर’, अकेले मेरठ में 63 क्रिमिनल्स ढेर, जानें योगी आदित्यनाथ सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड

UP Police Encounter: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ बतौर सीएम छह साल का कार्यकाल पूरे करने वाले हैं। 25 मार्च को उनके दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे हो रहे हैं। इस बीच गुरुवार को सरकार ने छह साल में हुए पुलिस एनकाउंटर का पूरा ब्यौरा जारी किया है। आंकड़ों के मुताबिक, छह सालों में पुलिस […]

सीएम योगी छह साल तक मुख्यमंत्री कार्यकाल पूरा करने वाले पहले यूपी के पहले भाजपाई सीएम हैं।
UP Police Encounter: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ बतौर सीएम छह साल का कार्यकाल पूरे करने वाले हैं। 25 मार्च को उनके दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे हो रहे हैं। इस बीच गुरुवार को सरकार ने छह साल में हुए पुलिस एनकाउंटर का पूरा ब्यौरा जारी किया है। आंकड़ों के मुताबिक, छह सालों में पुलिस और अपराधियों के बीच 10,000 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं। जिसमें 104 अपराधी मारे गए हैं। इस दौरान एक जांबाज सिपाही भी शहीद हो गया।

मेरठ में सबसे ज्यादा एनकाउंटर

एनकाउंटर की संख्या के मामले में मेरठ टॉप है। यहां 2017 के बाद से सबसे अधिक 3152 मुठभेड़ हुई है। जिसमें 63 अपराधी मारे गए और 1708 अपराधी घायल हुए। 401 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। यूपी पुलिस की कार्रवाई के दौरान 5,967 अपराधियों को पकड़ा गया है।

आगरा दूसरे और बरेली तीसरे स्थान पर

वहीं, एनकाउंटर की हिट लिस्ट में आगरा दूसरे स्थान पर है। यहां पुलिस ने 1,844 मुठभेड़ को अंजाम दिया, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। जबकि 14 खूंखार अपराधी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए। वहीं, बरेली तीसरे स्थान पर है। यहां 1,497 मुठभेड़ हुई, जिसमें 3,410 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 7 की मौत हुई। बरेली में मुठभेड़ के दौरान 437 अपराधी घायल हुए। इन अभियानों में 296 बहादुर पुलिस कर्मी घायल हुए, जबकि 1 शहीद हो गया।

पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने की थी तारीफ

उल्लेखनीय है कि ग्लोबल समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं और निवेशकों ने यूपी की कानून व्यवस्था की तारीफ की थी। यूपी पुलिस ने अपराध पर अंकुश लगाने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से काम किया और मुठभेड़ सबसे बड़ी रणनीति थी, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो गया, जिसके बाद वे राज्य से भागने लगे। यह भी पढ़ें: Australia: ब्रिस्बेन में खालिस्तानी समर्थकों ने जबरन बंद कराया भारतीय वाणिज्य दूतावास, काम नहीं आई PM मोदी की चिंता


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