मृत मानकर कर दिया था अंतिम संस्कार और पिंडदान, 3 दिन बाद बोला ‘मैं जिंदा हूं’
Udham Singh Nagar: उत्तराखंड से एक हैरान करने देने वाला मामला सामने आया है। यहां 42 साल के एक शख्स को मृत घोषित करके दाह संस्कार कर दिया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि वह जिंदा है। तीन दिन बाद आए वीडियो कॉल में उसने खुद बताया कि वजह जिंदा है। इसके बाद परिजन उसे जाकर वापस ले आए। जिंदा पाए जाने पर उसका फिर से नामकरण और विवाह किया गया। शख्स का नाम नवीन चंद्र भट्ट था। पिंडदान करने के बाद उसका श्राद्ध कर्म भी किया जा रहा था, लेकिन तीसरे दिन पता चला कि वह मरा नहीं है बल्कि जिंदा है। इस वजह से घर में खुशी का माहौल है।
लावारिस शव को मान लिया नवीन
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उसकी पत्नी दो साल पहले उसे छोड़कर चली गई थी। यह शख्स एक साल से ज्यादा समय से घर से लापता था। 25 नवंबर को उसे मृत मान लिया गया और परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया। हुआ कुछ ये कि एक लावारिश शव को लोगों ने नवीन का मान लिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। 26 नवंबर को बनबसा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
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फिर से हुआ नामकरण और विवाह
अंतिम संस्कार किए जाने के तीसरे दिन उसके भाई को पता चला कि वजह जीवित है। उनके एक जानने वाले ने वीडियो कॉल करके उन्हें यह बात बताई। इसके बाद उसे घर वापस लाया गया। इसके बाद शुद्धिकरण के लिए नवीन का फिर से नामकरण और विवाह किया गया। कहा गया कि हिंदू मान्यताओं के मुताबिक अगर किसी शव का अंतिम संस्कार करने के बाद पिंडदान हो गया हो तो उसका दोबारा नामकरण होना चाहिए। इसबार उसका नाम नारायण रखा गया। पत्नी रेखा से उसकी दोबारा शादी कराई गई।
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