Rajasthan University: राजस्थान के विश्वविद्यालयों में अक्सर कुलपतियों को लेकर विवाद सामने आता रहा है। ताजा मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी से जुड़ा है। आरयू के कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन की कार्यशैली और योग्यता पर सवाल उठने लगे हैं। आरयू के सिंडिकेट सदस्य इसे लेकर सीएम से मुलाकात करेंगे।
फर्जी दस्तावेजों से हासिल की नियुक्ति
बता दें कि इससे पहले राजस्थान के उदयपुर की सुखाड़िया यूनिवर्सिटी और जयपुर की लाॅ यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को भी इस प्रकार के विवादों के बाद हटा दिया गया था। आरयू के कुलपति राजीव जैन की अयोग्यता को लेकर पूर्व प्रोफेसर ने राज्यपाल को पत्र भी लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया कि राजीव जैन ने फर्जी दस्तावेज हासिल कर नियुक्ति हासिल की।
सिंडिकेट सदस्यों ने किया बैठक का बहिष्कार
कुलपति की कार्यशैली के कारण सिंडिकेट के सदस्यों ने सिंडिकेट की बैठक का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद दो विधायकों सहित पांच सदस्यों ने तय किया कि वे इस मसले पर सीएम से बात करेंगे। राजीव जैन को सितंबर 2022 में कुलपति नियुक्त किया गया था। इनमें विधायक अमीन कागजी, गोपाल मीणा, प्रोफेसर रामलखन मीणा, प्रोफेसर दिलीप सिंह और कॉलेज प्रिंसिपल शब्बीर खान शामिल हैं। ये सभी सरकार के नॉमिनी हैं।
सिंडिकेट यूनिवर्सिटी के हित में नहीं कर रहा कोई काम
विधायक कागजी ने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति और उनकी सिंडिकेट यूनिवर्सिटी के हित में कोई काम नहीं कर रहे। ये छात्रहित में नहीं हैं। इन सब चीजों से हम दुखी हैं। हमने सीएम से मिलने का समय मांगा है, एक-दो दिन में उनसे मुलाकात करेंगे।