Rajasthan News: महिलाओं को सशक्त करने के साथ साथ गर्भवती महिलाओं और बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। महिला स्वस्थ होगी तो वह एक स्वस्थ शिशु को जन्म देगी। राज्य में गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं शिशुओं का उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है- इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना।
यह योजना प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा तीन वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए है। यह योजना पोषण की स्थिति को सुधारने के लिए सशर्त मातृत्व सहयोग और पोषण परामर्श पर आधारित योजना है।
योजनान्तर्गत द्वितीय संतान के लिए गर्भधारण करने वाली महिलाओं को निर्धारित शर्तों के पूर्ण होने पर पाँच किश्तों में 6,000 रूपये की नकद सहयोग राशि सीधे उनके खातों में जमा की जाती है। जिसमें पहली, दूसरी, तीसरी व पांचवीं किश्त में 1000-1000 रुपए और चौथी किश्त में 2000 रुपए मिलते हैं।
19 नवंबर 2020 को शुरू हुई थी योजना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नवम्बरए 2020 को इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना शुरू की थी। राज्य सरकार द्वारा प्रथम चरण के अंतर्गत बजट घोषणा वर्ष 2020-21 की पालना में यह योजना राज्य के पाँच जनजातीय जिलों प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर और बारां में लागू की गई थी। द्वितीय चरण में राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में योजना का दायरा बढ़ाते हुए राज्य के सभी 33 जिलों में इसे लागू करने की घोषणा की गई।
गर्भधारण से लेकर शिशु जन्म को किया जा रहा सुरक्षित
योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा स्वयं और बच्चों का अच्छे से पालन-पोषण करने के लिए 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है। योजना में मिलने वाली धनराशि को सीधे लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में भेजा जा रहा है। योजना के तहत महिला को गर्भवती होने पर गर्भावस्था जांच व पंजीकरण होने पर पहली किश्त के 1000 रुपए सीधे बैंक खाते में आ जाते हैं। कम से कम 2 प्रसव पूर्व जांचें पूरी होने पर दूसरी किश्त के 1000 रुपए मिलते हैं।
बच्चे के जन्म पर तीसरी किश्त के 1000 रुपए मिलते हैं तथा बच्चे को 3.5 महीने की उम्र तक के सभी नियमित टीके लग जाने और जन्म का पंजीकरण होने पर चौथी किश्त के 2,000 रुपए महिला के बैंक खाते में आ जाते हैं। द्वितीय संतान के उपरान्त दम्पत्ति द्वारा संतान उत्पत्ति के 3 माह के भीतर स्थायी परिवार नियोजन साधन अपनाये जाने अथवा महिला द्वारा कापर टी लगवाये जाने पर पर पांचवीं किश्त के 1000 रुपए महिला के खाते में दिये जा रहे हैं।
1.10 लाख महिलाएं लाभान्वित
प्रदेश में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश की 1 लाख 10 हजार 699 महिलाओं को लाभ मिला है और इन लाभार्थियों के बैंक खातों में 20.32 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं। महिलाओं को इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि योजना में स्वास्थ्य विभाग के सॉफ्टवेयर में दर्ज लाभार्थियों की जानकारी को विभाग के राजपोषण पोर्टल से आनलाइन सत्यापन के बाद निर्धारित राशि महिलाओं के जन आधार कार्ड से लिंक खाते में ट्रांसफर की जाती हैं।
योजना में आवेदन के लिए पात्रता
योजना के लिए ऐसी सभी महिलाएं जो दूसरी संतान से गर्भवती हों को पात्र लाभार्थी माना गया है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका, आशा सहयोगिनी भी इस योजना में पात्र हैं। गर्भपात अथवा मृत शिशु जन्म की स्थिति में लाभार्थी महिलाए भविष्य में गर्भधारण करने पर योजना का लाभ दिया जाता है।
ऐसे मिलता है योजना का लाभ
योजना में आवेदन के लिए जन-आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति, फोटो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बीपीएल राशन कार्ड एवं मोबाईल नंबर उपलब्ध करवाने होंगे।
पूनम और सीमा को मिला सम्बल
दौसा जिले की बांदीकुई नगरपालिका के वार्ड 19 की निवासी पूनम को लाभ के रूप में प्रथम व द्वितीय किश्त की एक एक हजार रुपए की राशि देकर लाभान्वित किया जा चुका है। इसी प्रकार दौसा जिले की ही लाभार्थी सीमा सैनी ग्राम पंचायत गढ तहसील सिकराय को भी इस योजना में प्रथम व द्वितीय किश्त की एक एक हजार रुपये खाते में हस्तानान्तरित कर लाभान्वित किया जा चुका है। लाभान्वित महिलाओं ने बताया कि इस योजना के संचालन से हजारों महिलाओं को लाभ मिल रहा है। इन महिलाओं ने योजना के संचालन के लिये मुख्यमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया है।