Rajasthan News: पेपरलीक मामले में सोमवार को पहली बार प्रदेश के तीन जिलों में ईडी के छापे पड़े थे। ईडी की कार्रवाई पर सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ईडी अफसरों को अपने बोसेज को कहना चाहिए हमें क्यों राजस्थान भेज रहे हो, वहां एंटी करप्शन ब्यूरो इतना मजबूत है कि जिसका देश में कोई जवाब नहीं है। जब एसीबी अच्छा काम कर रही है तो आप बिना मतलब क्यों हस्तक्षेप करते हो? कानून के हिसाब से जो सिस्टम बना हुआ है उसी के हिसाब से कार्रवाई करो, हम उसका स्वागत करेंगे।
राजस्थान में घुसने के लिए तड़प रही हैं एजेंसियां
सीएम ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां राजस्थान में घुसने के लिए तड़प रही हैं। गहलोत ने जांच एजेंसियों के अफसरों से कहा कान खोलकर सुन लीजिए, अब वक्त आ गया है कि आप लोग ऊपरी दबाव मानना बंद कर दें। उन्होंने आगे कहा कि एसीबी ने कार्रवाई करते हुए आरपीएससी के मेंबर को पकड़ा है, कलेक्टर, एसपी को पकड़ा है। राजस्थान के बारे में कहा जा रहा था कि ईडी आने वाली है, हम तो इनका इंतजार कर रहे थे। उनको लिस्ट दे दी गई है कि आप देखो इसमें कहां-कहां पहुंच सकते हो?
मैंने आरपीएससी मेंबर को पकड़ने को कहा था
सीएम ने कहा कि मैंने आरपीएससी मेंबर को पकड़ने के लिए कहा था। उस समय यह बात चली थी कि पहले इस्तीफा ले लो उसके बाद कार्रवाई करो। यह आरपीएससी मेंबर रहते हुए इतनी बड़ी बेइमानी कैसे कर सकता है, इसलिए पद पर रहते हुए पकड़ा ताकि मैसेज जाए। उन्होंने आगे कहा कि छोटी-मोटी गलती व्यापारियों से हो जाती है। सरकार की जैसी जटिल प्रकिया है इसमें न चाहते हुए भी गलती हो जाती है। उसमें भी अगर आप ईडी को घुसा दोगे तो क्या मतलब है।
केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता सबसे ज्यादा होनी चाहिए
सीएम गहलोत ने कहा कि पहले पेपर लीक हुए उसमें ईडी भेज दी कुछ हुआ? ईडी का कड़ा कानून है। केंद्रीय एजेंसियों की देश में सबसे ज्यादा विश्वसनीयता होनी चाहिए। मैं ईडी और आईटी के अफसरों से प्रार्थना करता हूं कि अनावश्यक दबाव में आना बंद कर दीजिए, वक्त आ गया है ऊपर से जो दबाव बनाते हैं, उनका अधिकार नहीं है। कानून के हिसाब से जो सिस्टम बना हुआ है उसी के हिसाब से कार्रवाई करो, हम उसका स्वागत करेंगे।
राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करे
गहलोत ने केंद्रीय एजेंसियों से कहा कि कानून और सिस्टम से कार्रवाई करो, छापे डालो हमें खुशी होगी। लेकिन आपको राजनीतिक बदले की भावना, चुनाव जीतने के लिए माहौल अपने पक्ष में बनाने के लिए और सरकारों को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की हरकतें नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं आपके बोसेज ऊपर से फोन करते हैं और कार्रवाई की माॅनीटरिंग भी करते हैं। क्या हुआ उसका, कहां तक पहुंचे हो?