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Rajasthan Election 2023: 18 मंत्रियों की सीटों पर वोटिंग घटी, बंपर मतदान से राजेंद्र राठौड़ की हवाइयां उड़ीं

Rajasthan Election 2023 Voting Update: राजस्थान में कई सीटों पर बंपर मतदान से नेताओं को भ्रम में डाल दिया है। अब सभी को 3 दिसंबर का इंतजार है चुनाव आयोग नतीजे घोषित करेगा।

Rajasthan Election 2023 Voting Update
Rajasthan Election 2023 Voting Update: विधानसभा चुनावों में इस बार 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई। जो पिछली बार से एक फीसदी ज्यादा है। जानकारों की मानें तो यही एक फीसदी वोट भाजपा-कांग्रेस के बीच 30-40 सीटों को फासला डाल सकता है। पिछले साल इसी एक फीसदी वोटों ने भाजपा को 163 से 73 और कांग्रेस को 21 से 99 तक पहुंचा दिया था। वहीं सात मंत्रियों की सीटों पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे में साफ संकेत है कि जनता उन्हें बदलना चाहती है। इस चुनाव में सीएम गहलोत समेत 18 मंत्रियों का वोटिंग प्रतिशत घटा है। हालांकि इनमें से भी 10 मंत्रियों के सीटों पर 1 फीसदी से भी कम अंतर है। वोटिंग पैटर्न से मंत्रियों की धड़कन कम-ज्यादा हो रही है। सबसे पहले बात करें सरदारपुरा सीट की तो इस बार 2.59 प्रतिशत वोटिंग में कमी आई है। इस सीट से सरकार का चेहरा रहे सीएम अशोक गहलोत मैदान में है। यह उनकी परंपरागत सीट रही है। 2018 में सरदारपुरा सीट पर 67.09 फीसदी वोटिंग हुई जो इस बार घटकर 64.50 पर पहुंच गई। वहीं सीकर की लक्ष्मणगढ़ सीट पर इस बार 2.08 प्रतिशत वोटिंग ज्यादा हुई है। वहीं विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की सीट पर 1.76 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। इस सीट पर भाजपा से मेवाड़ राजपरिवार के पूर्व सदस्य विश्वराज सिंह मैदान में हैं।

राठौड़ की सीट पर वोटिंग बढ़ी, वसुंधरा की घटी

उधर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की तारानगर सीट पर भी पिछली बार की तुलना में 7.05 फीसदी वोटिंग अधिक हुई है। ऐसे में उनकी हवाइयां उड़ी हुई है। क्योंकि इस सीट पर वे पहली बार चुनाव लड़ रहे थे वहीं नरेंद्र बुढ़ानिया यहां 3 बार से विधायक हैं। उधर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की झालरापाटन सीट पर वोटिंग परसेंटेज गिरा है। 2018 में यहां 78.43 प्रतिशत वोटिंग हुई थी वहीं इस बार 76.67 फीसदी वोटिंग। वहीं आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनवाल की खींवसर सीट पर 3 फीसदी कम वोटिंग हुई है।

यहां 1 प्रतिशत से कम घटी वोटिंग

अब बारी आती है सीएम गहलोत के मंत्रिमंडल की। सीएम गहलोत के खासम-खास मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, उदयलाल आंजना, प्रमोद जैन, शाले मोहम्मद, अशोक चांदना, राजेंद्र यादव, सुखराम विश्नोई, सुभाष गर्ग के इलाकों में पिछली बार की तुलना में एक फीसदी से कम वोटिंग हुई है। हालांकि शाले मोहम्मद की पोकरण सीट पर तो इस बार सर्वाधिक वोटिंग हुई है। ऐसे में इन मंत्रियों की सीटों पर वोटिंग घटने का मतलब इनकी हार हो सकती है! हालांकि अगर इनकी हार होती है तो यह चौंकाने वाले परिणाम होंगे। यह भी पढ़ेंः Rajasthan Election 2023: क्या गहलोत के वेलफेयर माॅडल पर भारी पड़ेगी मोदी की गारंटियां? पढ़ें यह विश्लेषण

इन मंत्रियों की सीटों पर खतरे की घंटी

वहीं मंत्री शकुंतला रावत के क्षेत्र बानसूर में 4.26 प्रतिशत कम वोटिंग, कामां से जाहिदा खान की सीट पर 4 प्रतिशत, दौसा से मुरारीलाल मीणा की सीट पर 5.98 प्रतिशत वोटिंग, सिकराय से ममता भूपेश की सीट पर 2.96 प्रतिशत कम वोटिंग, महेंद्र जीत मालवीया की सीट पर 1.44 प्रतिशत, टीकाराम जुली की सीट पर 1.41 प्रतिशत और अर्जुन बामणिया की सीट पर 2.51 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है।


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