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राजस्थान में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर बंपर मतदान से भाजपा खुश, मतलब कन्हैयालाल मुद्दा काम कर गया!

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में इस बार बंपर मतदान से भाजपा-कांग्रेस दोनों खुश हैं। वहीं इस बार प्रदेश की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी जमकर मतदान हुआ।

Rajasthan Assembly election 2023 Muslim Vote
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में मतदान संपन्न होने के बाद राजनीतिक दल परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच चुनाव आयोग की मानें तो इस बार मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर जमकर मतदान हुआ है। बंपर मतदान कहीं न कहीं ध्रुवीकरण की ओर इशारा कर रहा है। इन सीटों के लिए भाजपा ने विशेष रणनीति बनाई और चुनाव प्रचार के दौरान हिंदुत्व और कन्हैयालाल के मुद्दे को जोर-शोर से उछाला। प्रदेश में 10-12 सीटें ऐसी है जहां मुस्लिम वोट निर्णायक स्थिति में है। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक ने इस सीटों पर जमकर जनसभाएं और रोड शो किए। ताकि हिंदू वोटों को एक किया जा सके। वहीं कांग्रेस ने भी इस बार चौंकाते हुए इन सीटों पर हिंदू उम्मीदवारों को मौका दिया। इसके अलावा भाजपा ने तो 3 सीटों पर संत समुदाय के लोगों को मौका दिया। इससे इन सीटों पर मतदान 2 से 5 प्रतिशत तक बढ़ गया।

ये सीटें मुस्लिम बाहुल्य

चुनाव विश्लेषकों की मानें अक्सर ध्रुवीकरण यूपी, एमपी, बिहार, दिल्ली, बंगाल, गुजरात में देखने को मिलता है लेकिन राजस्थान में पहली बार हुआ है कि इन सीटों पर बंपर वोटिंग हुई है। राजस्थान में किशनपोल, आदर्शनगर, सिविल लाइंस, टोंक हवामहल, डीडवाना, चूरू, फतेहपुर, अजमेर उत्तर, नागौर, कामां, मांडल, नसीराबाद, रामगढ़, पोकरण, जैसलमेर, तिजारा, सवाईमाधोपुर, पुष्कर, मसूदा, लाडपुरा, झुंझुनूं समेत कई सीटें ऐसी है जहां मुस्लिम वोट निर्णायक होते हैं।

इन सीटों पर मतदान में हुई बढ़ोतरी

इन सीटों में से किशनपोल, हवामहल, आदर्शनगर, डीडवाना, मालपुरा, मांडल में इस बार मतदान प्रतिशत में 2-5 फीसदी तक बढ़ा है। वहीं पोकरण सीट पर महंत प्रतापपुरी के उतरने के बाद पिछले दो चुनावों में मतदान प्रतिशत 87 से ज्यादा है। भाजपा ने इस बार मुस्लिम बाहुल्य तिजारा सीट से बाबा बालकनाथ, हवामहल सीट से बालमुकुंद आचार्य और पोकरण सीट से महंत प्रतापुरी को टिकट दिया था।

यहां जाने संत समुदाय से आने वाले प्रत्याशियों की सीटों पर कितना मतदान हुआ।

पोकरण- इस सीट से भाजपा ने एक बार फिर महंत प्रतापपुरी महाराज को मैदान में उतारा। वहीं कांग्रेस ने सालेह मोहम्मद को प्रत्याशी बनाया। इस सीट पर इस बार 87.79 प्रतिशत मतदान हुआ। साल 2018 में भी यहां पर 87.50 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस सीट पर मुस्लिम, एससी और राजपूत मतदाता निर्णायक है। ऐसे में अगर राजपूत और एससी मतदाता भाजपा के पक्ष में गए तो इस सीट पर भाजपा की जीत तय है। यह भी पढे़ंः Rajasthan Election 2023: राजस्थान में 117 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ा, जनता का मैसेज क्लियर तिजारा- इस सीट से भाजपा ने इस बार अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने इमरान खान को टिकट दिया। इस सीट पर इस बार 85.15 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं 2018 में यहां 82.08 प्रतिशत मतदान हुआ। इस क्षेत्र में यादव, गुर्जर और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। हवामहल- जयपुर परकोटे की इस सीट को जीतने के लिए भाजपा ने इस बार यहां पीएम मोदी को उतार दिया। पीएम मोदी ने यहां लंबा रोड शो कर माहौल को भाजपा के पक्ष में करने की पूरी कोशिश की। 2013 में जब भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला तो उसमें यह सीट भी शामिल थी। जिसे पार्टी ने जीता था। इस बार भाजपा ने बाबा बालमुकुंद आचार्य और कांग्रेस ने आरआर तिवाड़ी को मैदान में उतारा। 2018 में इस सीट पर 72.66 प्रतिशत मतदान हुआ था वहीं इस बार यह आंकड़ा 76.02 प्रतिशत है। किशनपोल- इस सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक अमीन कागजी को मैदान में उतारा। यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। पिछली बार यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसी सीट को जीतने के लिए इस बार भाजपा ने यहां पीएम मोदी को मैदान में उतार दिया। साल 2018 में यहां 71.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं इस बार भाजपा ने चंद्रमोहन बटवाड़ा को मैदान में उतारा है।  


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