How to get cash seized during Elections: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जिनकी तारीखों का ऐलान भी हो चुका है। प्रदेश में 9 अक्टूबर को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से आचार संहिता लागू हो गई थी, जिसके बाद से ही पुलिस और प्रशासन ने अवैध मादक पदार्थों और नकदी की धरपकड़ शुरू कर दी थी। अब इन सब के बीच खबर है कि विधानसभा चुनावों में जब्त किए गए नकदी को दोबारा वापस लिया जा सकता है।
चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए की जा रही तख्ती
दरअसल, विधानसभा चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए अलग-अलग जगहों पर जांचकर नकद धन राशि जब्त की जा रही है। इस बीच प्रशासन की ओर से जब्त की गई नकद धन राशि को लेकर जिला निर्वाचन विभाग ने एक प्रक्रिया तैयार की है। इसके अंतर्गत संबंधित व्यक्ति को 7 दिन के भीतर अप्लाई करना होगा, साथ ही अपने दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके लिए निर्वाचन विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने एक कमेटी बनाई है।
7 दिनों के भीतर करना होगा आवेदन
निर्वाचन अधिकारी पोसवाल के मुताबिक जब्त नकदी के मामलों में अग्रिम कार्रवाई को लेकर निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार सीईओ जिला परिषद, एडीएम प्रशासन और शहर कोषाधिकारी को शामिल करते हुए एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी के समक्ष संबंधित व्यक्ति को 7 दिन के भीतर सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। कमेटी सभी दस्तावेजों की जांच कर संतुष्ट होने पर नकदी को रिलीज कर सकती है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को उस नकद धन राशि को निर्धारित समय में अपने या उसके व्यवसायिक बैंक खाते में जमा कराकर उसकी रसीद कमेटी के सामने प्रस्तुत करनी अनिवार्य होगी।
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साथ में सबूत रखना अनिवार्य
बता दें कि निर्वाचन की गाइडलाइन के अनुसार चुनाव अवधि में 50 हजार रुपए से अधिक नकद की धन राशि लेकर परिवहन करते पाए जाने वाले व्यक्ति को संबंधित दस्तावेज दिखाने होते हैं। इसके लिए निर्वाचन विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि आम व्यक्ति चुनाव की इस अवधि में 50 हजार रुपए से अधिक नकद धन राशि लेकर यात्रा न करें। आवश्यक होने पर नकद राशि के संबंध में सभी दस्तावेज जैसे- बैंक स्टेटमेंट, नकद प्राप्ति का स्रोत और जो धन राशि लेकर परिवहन कर रहे उसके खर्च करने आदि के सबूत, साथ में रखना अनिवार्य है।