Rajasthan Hindi News: पेपर लीक मामले में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सियासी संग्राम तीसरे भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि पेपर तिजोरी में बंद होता है। तिजोरी में बंद पेपर बाहर कैसे पहुंच गया? यह तो जादूगरी हो गई। बुधवार को सचिन पायलट झुंझुनूं जिले के गुढ़ा में किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। आपको बता दें कि यह पायलट का तीसरा किसान सम्मेलन है।
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राजनीतिक नियुक्तियों पर उठाए सवाल
सचिन पायलट ने गुढ़ा में कहा कि बड़े अफसरों को राजनीतिक नियुक्तियां देने पर सवाल उठाए। पायलट ने कहा- बहुत से लोगों को लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां दीं, लेकिन जिन अफसरों ने सरकार के लिए पसीना बहाया। उनका अनुपात सुधारना होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बड़े अफसर शाम को रिटायर होते हैं, रात 12 बजे तक उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां मिल जाती है।
नाम लिए बिना सीएम पर साधा निशाना
पेपर लीक मामले में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच वार-पलटवार तीसरे दिन भी जारी रहा। मंगलवार को सीएम ने कहा था कि कोई अफसर, नेता पेपर लीक मामलों में शामिल नहीं है। नेता नाम बताए तो हम उन पर भी कार्रवाई करेंगे। आज बुधवार को पायलट ने सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जब बार-बार पेपर लीक होते हैं तो हमें दुख होता है। इसके लिए जिम्मेदारी तय करके एक्शन लेना होगा। अब कहा जा रहा है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। पेपर तिजोरी में बंद होता है। तिजोरी में बंद पेपर बाहर कैसे पहुंच गया? यह तो जादूगरी हो गई।
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मैंने कार्यकर्ताओं, नेताओं को इकट्ठा कर बनाई सरकार
पायलट ने कहा- 2013 में हमारे 21 विधायक रह गए थे। केवल दो मंत्री जीते थे। पूरी कैबिनेट हार गई थी। उन विपरीत हालात में कांग्रेस हाईकमान ने मुझे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाकर भेजा। उस वक्त मैं केंद्र में मंत्री था। लोगों ने तब कहा था- यह फायदे का सौदा नहीं है। वहां तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। मैंने सब कुछ छोड़कर कार्यकताओं और नेताओं को इकट्ठा कर हमने सरकार बनाई।
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