जयपुर से केजे श्रीवत्सन् की रिपोर्टः सचिन पायलट के अनशन को लेकर राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान कम होने का नाम नहीं ले रहा। पार्टी के राजस्थान प्रभारी ने अनशन पर नाराजगी जताते हुए कहा की यदि अनशन की बजाय यदि पायलट विधानसभा में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते तो बेहतर होता। रंधावा की मानें तो विधानसभा में पायलट काे जवाब देने के लिए विपक्ष भी था और खुद सीएम को भी इसका जवाब देना पड़ता।
केंद्रीय मंत्री की गिरफ़्तारी तय- डोटासरा
रंधावा ने गुटबाजी को लेकर आये दिन आ रहे बयानों पर कहा की उनकी नज़र सभी नेताओं के बयान पर हैं, क्योंकि अब पार्टी पूरी तरह इलेक्शन मोड में है। उधर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने संजीवनी चिट फंड घोटाले में कहा कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दोषी माना हैं ऐसे में उनकी गिरफ़्तारी तय हैं।
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पायलट को विधानसभा में पूछने थे सवाल- रंधावा
इधर कांग्रेस में सीएम की कुर्सी को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मची कलह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही। सचिन पायलट के अनशन को लेकर राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की नाराजगी इस कदर है कि उन्होंने कह दिया की यदि पायलट को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सवाल ही करने थे तो विधानसभा में सवाल पूछते।
क्योंकि वहां भाजपा भी थी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सवाल पर सीएम अशोक गहलोत को भी उसका जवाब देना ही पड़ता। रंधावा की माने तो विधानसभा बड़ा प्लेटफार्म है, लेकिन सड़कों पर आकर अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन को जायज नहीं कहा जा सकता।
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कार्यशाला का किया गया आयोजन
दरअसल पायलट के अनशन के बाद राजस्थान कांग्रेस में खेमेबाजी के साथ बयानबाजी फिर से तेज हो गई थी। जिसके चलते सीएम गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा के साथ मिलकर रंधावा पार्टी के सभी विधायकों से वन टू वन बातचीत कर फीड बैक ले रहे थे।
उन्होंने इलेक्शन मोड पर आने का दावा करते हुए अब संगठन के छोटे बड़े नेताओं से भी रायशुमारी की बात कही। इसीलिए जयपुर में बुधवार को पार्टी प्रतिनिधियों की कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।
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