आपको बता दें कि दोनों आरोपियों को पुलिस ने 24 दिसंबर 2022 को चलती बस में परीक्षा का पेपर साॅल्व कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ दो अलग-अलग थानों में मामला दर्ज किया गया था। लेकिन आरोपियों ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाए है। मुख्य आरोपी विश्नोई ने इस गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट में अर्जी पेश की। अर्जी में कहा है कि जांच अधिकारी को बेकरिया पुलिस के हाथों गिरफ्तारी और उसके जेल में होने का पता था। अगर वे निष्पक्ष जांच ही करना चाहते तो प्रोडक्शन वारंट के जरिए भी गिरफ्तार कर सकते थे। जमानत मिलने के बाद गिरफ्तार किया जाना संदेहास्पद है।
सरकारी स्कूल के हेडमास्टर सुरेश विश्नोई और पीराराम को मंगलवार को जमानत मिली थी। आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट मेें दलील दी कि बस में अभ्यर्थियों से जो पेपर जब्त किए गए थे, वे गेस पेपर थे।
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