Kota Hostels Use Nets To Prevent Suicide: कोटा के हॉस्टल मालिकों ने स्प्रिंग वाले पंखों के बाद अब सुसाइड रोकने के लिए जाली का यूज कर रहे हैं। एक हॉस्टल मालिक के मुताबिक, अब कोटा के हॉस्टलों की बालकनियों और लॉबी में ‘आत्महत्या रोधी जाल’ लगाए जा रहे हैं, ताकि कोई छात्र किसी ऊंची मंजिल से कूदकर आत्महत्या न पाए।
हॉस्टल मालिकों ने कहा कि दुखद घटनाओं से बचने के लिए अपने परिसर को ‘आत्महत्या रोधी’ बनाने के लिए ऐसे कदम उठाए गए हैं। बता दें कि हाल ही में एक के बाद एक कोटा में छात्रों की सुसाइड की खबरें आ रही थीं, जिसके बाद हॉस्टलों में पंखे की रॉड की जगह स्प्रिंग लगाए गए थे।
अब तक कोटा में 20 छात्रों ने किया सुसाइड
इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा आते हैं। अधिकारियों के अनुसार, 2023 में कोटा में अब तक 20 छात्रों ने सुसाइड किया है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।
एक हॉस्टल के मालिक के मुताबिक, लॉबी और बालकनियों में बड़े जाल लगाए हैं, जो करीब 150 किलोग्राम तक वजन उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि स्प्रिंग वाले पंखों और जालियों से आत्महत्या जैसी अप्रिय घटना से बचा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि आत्महत्या की खबरों के बाद छात्रों के माता-पिता अक्सर घबरा जाते हैं और इस तरह के उपायों से उन्हें तसल्ली होगी। एक हॉस्टल के मालिक ने कहा कि हमने भी सभी लॉबी, खिड़कियों और बालकनियों में लोहे के जाल लगाए हैं।
कैसे काम करता है स्प्रिंग वाला पंखा?
अगर 20 किलो से ज्यादा वजन पंखे से लटकाया जाए तो स्प्रिंग फैल जाता है, जिससे किसी के लिए पंखे से लटककर आत्महत्या करना असंभव हो जाता है। साथ ही सायरन भी बजने लगता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017 में कोटा हॉस्टल एसोसिएशन ने इस उपाय पर चर्चा की थी, लेकिन शहर में अनुमानित 25,000 पेइंग गेस्ट के मालिकों में से किसी ने भी इसमें रूचि नहीं दिखाई।