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पिता समझा गए, लेकिन पढ़ाई के प्रेशर में उलझा मनीष; जानें कोटा में छात्र की सुसाइड की Inside Story

Kota Suicide Cases: राजस्थान के कोटा में गुरुवार को एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली। पिछले एक सप्ताह के भीतर कोटा में छात्रों की आत्महत्या का ये तीसरा मामला है। जवाहर नगर पुलिस के अनुसार, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बता दें कि इस साल कोटा में छात्रों की आत्महत्या […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 11, 2023 08:51
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Kota Coaching Student Hanged Himself
मृतक मनीष प्रजापत महावीर नगर के एक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था।

Kota Suicide Cases: राजस्थान के कोटा में गुरुवार को एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली। पिछले एक सप्ताह के भीतर कोटा में छात्रों की आत्महत्या का ये तीसरा मामला है। जवाहर नगर पुलिस के अनुसार, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बता दें कि इस साल कोटा में छात्रों की आत्महत्या के 21 मामले सामने आए हैं।

जानकारी के मुताबिक, छात्र उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ का रहने वाला 17 साल का मनीष प्रजापत पिछले छह महीने से कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा था। फिलहाल पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है।

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सूत्रों के मुताबिक, छात्र पढ़ने में कमजोर था, पिछले कुछ दिनों से कोचिंग भी नहीं जा रहा था। इसकी जानकारी जब उसके पिता को हुई, तो वे गुरुवार को कोटा आए और बेहतर भविष्य के लिए समझाकर गए। कहा जा रहा है कि पिता के जाने के चंद घंटे बाद ही मनीष ने फांसी लगा ली।

3 और 4 अगस्त को भी सामने आया था सुसाइड केस

इससे पहले पिछले गुरुवार और शुक्रवार को दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार यानी तीन अगस्त को उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले 18 साल के मनजोत सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। मनजोत कोटा में मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी कर रहा था।

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वहीं, 4 अगस्त को महावीर नगर के पीजी में रह रहे बिहार के मोतीहारी निवासी भार्गव मिश्रा ने फंदे से लटककर अपनी जान दे दी। महावीर नगर थाने के एसएसओ ने बताया कि भार्गव पिछले चार महीने से कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था। मामले की जांच की जा रही है। शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए अस्पताल भिजवाया गया है।

मई में 5 छात्रों ने की थी आत्महत्या

अकेले मई में, कोटा में 9 मई से 27 मई के बीच कम से कम पांच छात्रों ने आत्महत्या की थी। छात्रों के माता-पिता का आरोप है कि प्रतिस्पर्धी माहौल के कारण होने वाले तनाव से निपटने के लिए छात्रों को उचित परामर्श नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि हर साल, देश भर से लाखों छात्र देश के टॉप इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रमुख शिक्षा केंद्र में आते हैं।

कोटा अब आत्महत्या के लिए बदनाम

राजस्थान का कोटा अपने कोचिंग सेंटरों के लिए मशहूर है और अब छात्रों की आत्महत्या के लिए बदनाम है। अनुमान है कि इस शैक्षणिक सत्र में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए 2.25 लाख से अधिक छात्र शहर के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में कक्षाएं ले रहे हैं।

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Written By

Om Pratap

First published on: Aug 11, 2023 08:15 AM

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