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अलवर गैंगरेप पीड़िता की दास्तांः सदमा ऐसा कि घटना याद आते ही कहती है, वो राक्षस हैं, पिता बोले- डाॅक्टर बनना चाहती थी

Alwar Gangrape Case: अलवर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोमवार को गैंगरेप के एक मामले में एक आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई। जबकि दूसरा आरोपी नाबालिग होने के कारण उसकी सुनवाई जुवैनाइल कोर्ट में चल रही है। पीड़िता के पिता ने बताया कि युवती के दिलोदिमाग में उस हादसे का खौफ इस कदर बैठ […]

Alwar Gangrape Case
Alwar Gangrape Case: अलवर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोमवार को गैंगरेप के एक मामले में एक आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई। जबकि दूसरा आरोपी नाबालिग होने के कारण उसकी सुनवाई जुवैनाइल कोर्ट में चल रही है। पीड़िता के पिता ने बताया कि युवती के दिलोदिमाग में उस हादसे का खौफ इस कदर बैठ गया है कि वह मुझे दरिंदे समझकर मारने दौड़ पड़ती है। जोर-जोर से चिल्लाते हुए बचाओ-बचाओ कहने लगती है।

यह है मामला

साल 2020 में अलवर में एक युवती के साथ 3 दरिदों ने गैंगरेप किया। युवती उस दिन अपने चाचा के घर जा रही थी। इस दौरान तीन दरिदें उसे रास्ते से अपहरण कर ले गए और फिर किसी स्थान पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। विरोध करने पर उसका सिर दीवार पर दे मारा। घटना के बाद आरोपी युवती को एक क्लिनिक के बाहर पटक कर चले गए। होश आने पर उसने लोगों को परिवार के बारे में बताया। इसके बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने उसे हाॅस्पिटल में एडमिट कराया। जहां उसने बताया कि उसके साथ 3 युवकों ने गैंगरेप किया। युवती के पिता ने बताया कि उस दिन के बाद से ही वह बेसुध है। जैसे ही उसे उस दिन की घटना याद आती है वह बड़बड़ाने लगती है। वो राक्षस और गुंडे हैं उनके हाथ-पैर काट दो। इतना कहकर वह बेहोश हो जाती है। पिता ने बताया कि अब तक उसे करीब 25 से ज्यादा पैनिक अटैक आ चुके हैं। युवती के दिलोदिमाग में उस हादसे का खौफ इस कदर बैठ गया है कि वह अपने पिता को ही दरिंदे समझकर मारने दौड़ पड़ती है। जोर-जोर से चिल्लाते हुए बचाओ-बचाओ कहने लगती है। वह नींद में बड़बड़ाने लगती है कहती है ये दरिदें हैं।

डाॅक्टर-इंजीनियर बनने का सपना देखती थी

पिता ने बताया कि उसे इस प्रकार के अटैक समय-समय पर आते रहते हैं। जब भी अटैक आते हैं तो उसे अस्पताल ले जाना पड़ता है। जब नाॅर्मल होती है तो उसे खाना खिलाते हैं। कई बार तो बेटी को भूखा रखना पड़ता है। अब तक उसके इलाज के लिए पिता ढाई लाख का कर्ज भी ले चुके हैं। जब उसके साथ यह घटना हुई तो वह दसवीं में पढ़ती थी। वह पढ़ाई में इतनी होशियार थी कि कक्षा में उसके हर विषय में 80 से 85 फीसदी नंबर आते थे। वह कहती थीं कि पापा मुझे बड़ा होकर डाॅक्टर-इंजीनियर बनना है। अब तो वह स्कूल के नाम से भी डरने लगती है। बहन की यह हालात देखकर उसके भाई-बहन भी रोने लग जाते हैं। वहीं उसका इलाज कर रहे अलवर जिला अस्पताल के डाॅक्टर कहते हैं कि वह जब बच्ची उनके पास आई तो जांच में पता चला कि उसे साइकोसिस डिसऑर्डर है। इस बीमारी में मरीज को नींद नहीं आती है, गुस्सा आता है। कई बार तो मारपीट भी करने लगता है।


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