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हरियाणा के वीरता पुरस्कार पर पंजाब को एतराज, PM को लिखा पत्र, कहा- हमारे किसान सम्मान के हकदार हैं

Punjab News: किसान प्रदर्शन के दौरान शंभू बॉर्डर पर किसानों को हरियाणा पुलिस ने रोका था। हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने वाले 6 पुलिस अफसरों को बहादुरी पुरस्कार देने की सिफारिश की है। इस पर पंजाब ने आपत्ति जताई है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jul 25, 2024 14:10
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farmers at shambu border
farmers at shambu border

Punjab News: शंभू सीमा पर किसानों को रोकने में उनकी भूमिका के लिए हरियाणा पुलिस अधिकारियों को वीरता पुरस्कार की सिफारिश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पंजाब विधानसभा अध्यक्ष सरदार कुलतार सिंह संधवान ने प्रधानमंत्री से शंभू सीमा पर किसानों के मार्च को रोकने में शामिल पुलिस अधिकारियों के लिए वीरता पुरस्कार की सिफारिश के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने प्रधानमंत्री को किसानों को शंभू बॉर्डर पर आगे बढ़ने से रोकने में शामिल पुलिस अधिकारियों के लिए बहादुरी के पुरस्कारों की सिफारिशों पर पुनर्विचार करने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में संधवां ने कहा कि वह हरियाणा के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस द्वारा हाल ही में शंभू बाॅर्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में शामिल छह पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को बहादुरी के पुरस्कार देने की सिफारिश पर चिंता और निंदा करते हैं। किसानों का समर्थन करते हुए संधवां ने कहा कि देश के किसानों द्वारा दिए गए योगदान के लिए वह मान-सम्मान के हकदार है, इसके लिए उनके साथ किसी भी तरह की बेरुखी और बेइंसाफी न की जाए।

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में संधवान ने कहा है कि किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि हरियाणा के पुलिस महानिदेशक द्वारा उन छह पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को वीरता पदक देने की सिफारिश पर अपनी गहरी चिंता और कड़ी निंदा व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हाल ही में शंभू सीमा पर किसानों के मार्च को रोकने में भूमिका निभाई थी। मैं हमारे पुलिस बल की बहादुरी और समर्पण का गहरा सम्मान करता हूं और मानता हूं कि उनके कार्यों के संदर्भ और निहितार्थ पर विचार करना जरूरी है। हालांकि, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थिति बेहद संवेदनशील है।

हरियाणा सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय पर पुनर्विचार करने का प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए संधवान ने कहा है कि भारत में सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकारी के रूप में इस सिफारिश पर पुनर्विचार करने का निवेदन करता हूं। यह जरूरी है कि हम लोकतंत्र, न्याय और मानवाधिकारों के सिद्धांतों को बनाए रखें।

हमारे देश के किसान अपने योगदान के लिए सम्मान और स्वीकृति के हकदार हैं, न कि और अधिक अलगाव और अन्याय के। शुभकरण और इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पीड़ित अन्य लोगों की याद हमें उनकी दुर्दशा के प्रति अपनी प्रतिक्रियाओं में न्याय और करुणा की तलाश करने के लिए मजबूर करती है।

बॉर्डर पर बने हालातों पर पीएम को लिखा पत्र

स्पीकर संधवां ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए कोई कदम उठाना चाहिए। हरियाणा के इन पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को बहादुरी पुरस्कार देकर वह किसानों की मांगों के मान-सम्मान को ठोस पहुंचाने जैसा होगा, जिससे हालात बिगड़ सकते हैं। वहीं, संधवान ने पंजाब पुलिस फोर्स की बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच बहादुरी और समर्पण का सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा निभाई गई शानदार सेवाओं के लिए मान-सम्मान देना बनता है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को हरियाणा सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं। संधवां ने कहा कि भारत की सर्वोच्च सांविधानिक अथारिटी होने के नाते वह प्रधानमंत्री को इस सिफारिश पर फिर विचार करने की अपील करते हैं। ऐसे हालात में हमारे लिए लोकतंत्र, न्याय और मानवीय सिद्धांतों को बरकरार रखना बहुत जरूरी है।

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First published on: Jul 25, 2024 02:10 PM

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