TrendingSanchar Saathiparliament winter sessionBigg Boss 19

---विज्ञापन---

CM भगवंत मान ने अधिकारियों के साथ की बैठक, 45 दिनों में हर बाढ़ पीड़ित को मिलेगा मुआवजा

Chandigarh News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को पंजाब सरकार 45 दिनों के भीतर राज्य के सभी बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देना सुनिश्चित करेगी. यहां अपनी सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने घोषणा की थी.

सीएम भगवंत मान

Chandigarh News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को पंजाब सरकार 45 दिनों के भीतर राज्य के सभी बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देना सुनिश्चित करेगी। यहां अपनी सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी सरकार किसानों को फसलों के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देगी, जो देश में सबसे अधिक है. उन्होंनें कहा कि वास्तव में यह पंजाब के इतिहास में सबसे अधिक मुआवजा है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के समय मुआवजा लेने में कई साल लग जाते थे और फसलों के नुकसान से पहले ही दुखी लोगों को मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ता था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा देना सबसे जरूरी है. कहा, "एक किसान का बेटा होने के नाते मैं किसानों की परेशानियों को अच्छी तरह समझता हूं। जब तक सभी पीड़ित किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं सोऊंगा."

फसलों के नुकसान का आकलन करने के आदेश

बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बनाई गई योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी शनिवार (13 सितंबर) से शुरू की जाए और पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी. कहा कि इसके तुरंत बाद किसानों को उनके मुआवजे के चेक मिलना शुरू हो जाएंगे. जिन जिलों में बाढ़ का प्रभाव नहीं पड़ा है, वहां के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों और गांवों में तैनात किए जाएंगे, ताकि आकलन का काम जल्द पूरा हो सके. अधिकारी गांव-गांव जाकर सभी खेतों का निरीक्षण करेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि फसल कोई भी हो, यदि नुकसान हुआ है तो मुआवजा जरूर दिया जाएगा. कहा कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद किसानों को आपत्ति दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा, ताकि रिपोर्ट में किसी भी गलती को सुधारा जा सके.

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- पंजाब बाढ़ पर बोले मंत्री हरजोत सिंह बैंस, सिंहपुर-पलासी क्षेत्र के ग्रामीण लौट रहे अपने घर

---विज्ञापन---

45 दिनों में की जाएगी पूरी जाएगी

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद किसानों को मुआवजे के चेक वितरित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जिन गांवों में फसल 100 प्रतिशत नष्ट हो गई है, वहां यह प्रक्रिया केवल एक महीने में पूरी कर ली जाएगी और तुरंत बाद चेक सौंपने शुरू कर दिए जाएंगे. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के समय मुआवजा वितरण में पूरा साल लग जाता था, लेकिन अब यह काम एक महीने या डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा क्योंकि एक ईमानदार सरकार लोगों की सेवा कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. जिन लोगों का पूरा घर ढह गया है, उन्हें 1,20,000 रुपए मिलेंगे, और जिन्हें कम नुकसान हुआ है, उन्हें 40,000 रुपए दिए जाएंगे. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहले की सरकारें घरों के कम नुकसान के लिए केवल 6,800 रुपए मुआवजा देती थीं, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40,000 रुपए कर दिया गया है.

बाढ़ में मरे या बहे पशुओं का दिया जाएगा मुआवजा

सीएम ने कहा कि जिन लोगों के पशु बाढ़ में बह गए या मर गए, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी की गाय या भैंस की मृत्यु हो गई है, तो सरकार 37,500 रुपए देगी और यदि बकरी की मृत्यु हुई है, तो 4,000 रुपए दिए जाएंगे. अन्य सभी पशुओं को भी नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें बैल, घोड़े, मुर्गियां, मछली पालन और अन्य जीव शामिल हैं. भगवंत सिंह मान ने आदेश दिया कि घरों या पशुओं के नुकसान का मुआवजा 15 सितंबर से शुरू होना चाहिए और हर हाल में यह काम 45 दिनों के भीतर पूरा होना चाहिए. कहा कि अधिकारियों को गांव-गांव जाकर नुकसान का जायजा लेना चाहिए और अपनी रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति को रिपोर्ट पर आपत्ति है, तो उनके पास इसे ठीक कराने के लिए एक सप्ताह का समय होगा. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी, और लोगों को उनके मुआवजे के चेक मिलना शुरू हो जाएंगे.

संकट की घड़ी में राज्य सरकार लोगों के साथ खड़ी

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वह व्यक्तिगत रूप से रोजाना निगरानी करेंगे और यदि कोई अधिकारी गलत करता है या समयसीमा के अनुसार काम नहीं करता, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कहा कि बाढ़ के कहर से कुछ परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है. उन्होंने कहा कि भले ही हम उन्हें वापस नहीं ला सकते, लेकिन सरकार मुआवजे में कोई देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि अब तक 55 मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 42 परिवारों को सहायता राशि के चेक जारी किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार लोगों के साथ खड़ी है. इस दौरान भगवंत सिंह मान ने ताजा स्थिति और पानी के प्रवाह के बारे में भी जानकारी ली और अधिकारियों को नदियों के टूटे तटबंधों की मरम्मत के लिए रोजाना निगरानी करने को कहा.

16 सितंबर तक सभी मंडियों को साफ करने का आदेश

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए सभी डिप्टी कमिश्नरों से पिछले चार दशकों में पहली बार आए भीषण बाढ़ के बाद जमीनी हकीकत के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने किसानों की सुविधा के लिए 16 सितंबर तक अपने-अपने जिलों की मंडियों को साफ करने के निर्देश भी दिए. कहा कि राज्य सरकार घरों के नुकसान की भरपाई के लिए नियमों में ढील देने का मुद्दा तुरंत भारत सरकार के समक्ष उठाएगी. उन्होंने अधिकारियों को हर गांव में मेडिकल कैंप लगाने और फॉगिंग कराने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा के इस पुण्य कार्य में निजी डॉक्टरों को भी शामिल किया जाना चाहिए. भगवंत सिंह मान ने स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पानी के नमूने लेने के लिए भी कहा ताकि स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. कहा कि राज्य सरकार पंजाब को बड़ी प्राकृतिक आपदा वाला राज्य घोषित करने का मुद्दा भारत सरकार के समक्ष उठाएगी ताकि नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त फंड प्राप्त हो सकें. बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव केएपी सिन्हा व अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा भी उपस्थित थे.

यह भी पढ़ें- पंजाब सरकार का बड़ा कदम, सहकारी बैंकों के जरिए फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना शुरू


Topics:

---विज्ञापन---