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पंजाब कैबिनेट में आएंगे ये 3 खास प्रस्ताव, जिससे मजबूत होगी राज्य की आर्थिक स्थिति

CM Bhagwant Mann Cabinet Meeting Soon: जल्द होने वाली कैबिनेट की बैठक में पंजाब की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए तीन जरूरी मुद्दों पर प्रस्ताव लाया जा सकता है।

CM Bhagwant Mann Cabinet Meeting Soon
CM Bhagwant Mann Cabinet Meeting Soon: पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी प्रधान का नया चेहरा नियुक्त कर सरकार अपने कामकाज को ट्रैक पर लाना चाहती है। पंजाब की वित्तीय स्थिति को सुधारना सीएम भगवंत मान के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें इंडस्ट्री पर इलेक्टि्रसिटी ड्यूटी बढ़ाने, सुखना ईको सेंसटिव जोन और ईडब्ल्यूएस हाउसिंग प्रोजेक्टों की जमीन ऑक्शन में बेचना शामिल है। उपचुनाव के नतीजे आने के बाद मान सरकार इस दिशा में एक अहम कदम उठाने जा रही है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए पंजाब सरकार अब औद्योगिक क्षेत्र यानी इंडस्ट्री की इलेक्टि्रसिटी ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। इस फैसले से सरकार को कम से कम 800 से 900 करोड़ रुपये के राजस्व के रूप में अतिरिक्त आमदन की उम्मीद है। इंडस्ट्री की इलेक्टि्रसिटी ड्यूटी में तीन प्रतिशत का इजाफा करने का एलान किया गया था, लेकिन 2022 में सत्ता में आई आप सरकार ने अब तक औद्योगिक क्षेत्र की बिजली की दरों में इजाफा नहीं किया। ऐसे में बताया जा रहा है कि वित्तीय विभाग ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जोकि उपचुनाव के बाद होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जाएगा।

3 किमी दायरे में पंजाब बनाएगा ईएसजेड

पंजाब सरकार सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के तीन किलोमीटर के दायरे तक ईको सेंसटिव जोन (ESZ) बनाने जा रही है। पंजाब वन एवं वन्यजीव विभाग ने ईको सेंसटिव जोन का दायरा 100 मीटर से बढ़ाकर 3 किलोमीटर करने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए भेजा है। अगर पंजाब सरकार इस प्रस्ताव पर मंजूरी देती है तो यहां किसी भी प्रकार के भवन निर्माण, व्यवसायिक गतिविधियों समेत कोई भी प्रोजेक्ट लाने से पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी। दरअसल, पंजाब ने सुखना के इर्द-गिर्द केवल 100 मीटर के दायरे तक ईको सेंसटिव जोन बनाने को लेकर मंजूरी प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय को भेजा था, लेकिन मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया है। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में ईको सेंसटिव जोन का दायरा कम से कम एक किलोमीटर रखा जाना जरूरी किया था। सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के तीन किलोमीटर के दायरे तक ईको सेंसटिव जोन लागू होने पर इसके दायरे में नयागांव, कांसल, करोरा, नाडा और न्यू चंडीगढ़ का कुछ हिस्सा आएगा। इन क्षेत्रों में कई रिहायशी प्रोजेक्टों पर तलवार लटक सकती है। हाई राइज बिल्डिंग के निर्माण पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। इससे एरिया के एक से डेढ़ लाख लोग प्रभावित होंगे।

रिजर्व लैंड की नीलामी करेगी सरकार

कैबिनेट की बैठक में सरकार एक और नया बदलाव कर सकती है। इस बदलाव से ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में घर लेने वाले लाखों जरूरतमंदों लोगों को जहां इसका नुकसान होगा, वहीं प्राइवेट रियल एस्टेट मालिकों की चांदी होगी। प्राइवेट प्रोजेक्टों में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए रिजर्व की गई भूमि को अब सरकार नीलामी में बेचेगी। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आरक्षित इन जमीनों को अब प्राइवेट रियल एस्टेट मालिक दोबारा सरकार से खरीद सकेंगे। बताया जा रहा है सरकार के इस फैसला का सीधा असर प्रदेश में 40 से अधिक बड़े प्रोजेक्टों पर पड़ेगा, जहां ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए जमीन आरक्षित रखी गई थी। ये बड़े प्रोजेक्ट ज्यादातर मोहाली, लुधियाना और जालंधर में पड़ते हैं। ये भी पढ़ें-  पंजाब NHM के कर्मचारियों को मिलेगा मेडिकल बीमा; इंडियन बैंक के साथ हुआ समझौता


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