Chandigarh Loksabha Election Result 2024: चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की मतगणना पूरी हो गई है। पोस्टल बैलेट के बाद 8 बजे मतगणना शुरू हुई और रुझान आने लगे। शुरुआत से ही कांग्रेस के मनीष तिवारी आगे चल रहे थे और भाजपा का खाता तक नहीं खुला। परिणामस्वरूव चंडीगढ़ में भाजपा को करारी शिकस्त मिली। पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में हैट्रिक लगाने से चूक गई। कांग्रेस के उम्मीदवार 3613 वोटों से जीत गए है।
चंडीगढ़ में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मनीष तिवारी जीत दर्ज की है। मनीष तिवारी को 206829 वोट मिले हैं। संजय टंडन 203216 वोट ही ले पाए। 14 राउंड में मतगणना पूरी हुई, लेकिन भाजपा एक बार भी बढ़त नहीं मिली। चंडीगढ़ कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में काउंटिंग सेंटर बनाया गया था। चंडीगढ़ में आखिरी फेज में 1 जून को 67.98% वोटिंग हुई थी। यह 2019 के मुकाबले 2.56 प्रतिशत और 2014 के मुकाबले 5.71 प्रतिशत कम है।
बता दें कि चंडीगढ़ से मौजूदा सांसद किरण खेर थीं, जिनका टिकट इस बार भाजपा ने काटा था। हालांकि मतदान करने के बाद किरण खेर ने मीडिया को बताया था कि उनका टिकट काटा नहीं गया, बल्कि उन्होंने खुद ही इस बार चुनाव लड़ने से मना किया था। किरण खेर पिछले 10 साल से चंडीगढ़ की सांसद थी। वे पिछले 2 लोकसभा चुनाव जीत रही थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस नेता पवन बंसल को हराया था। 2014 का लोकसभा चुनाव भी पवन बंसल हार गए थे। 2019 के चुनाव में किरण खेर को 231,1988 वोट मिले थे। पवन बंसल 184,218 वोट लेकर दूसरे नंबर रहे थे।
कौन हैं मनीष तिवारी?
मनीष तिवारी कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और पेशे से वकील हैं। वर्तमान में पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद हैं। वे 2009 से 2014 तक पंजाब के लुधियाना जिले से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 2012 से 2014 तक वे सूचना और प्रसारण मंत्री भी रहे। उनके पिता वीएन तिवारी की 1984 में चंडीगढ़ में ही आतंकियों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। उनके नाना तीरथ सिंह भी वकील थे और पंजाब में कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके थे। 1998 से वे कांग्रेस से जुड़े हुए हैं।
बता दें कि पंजाब-हरियाणा की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में इकलौती लोकसभा सीट है। 1967 में चंडीगढ़ को लोकसभा क्षेत्र बनाया गया, जिसके दायरे में पंजाब का मोहाली जिला, जीरकपुर शहर और हरियाणा का पंचकूला जिला आते हैं। यह तीनों चंडीगढ़ की सीमाओं से सटे हैं।
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कांग्रेस के साथ AAP और कई नेताओं की साख बची
मनीष तिवारी के लोकसभा चुनाव 2024 जीतने से पवन बंसल का राजनीतिक करियर लगभग खत्म हो गया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष HS लक्की की साख बच गई है, क्योंकि पार्टी नेता उनसे नाराज चल रहे हैं और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अब उनकी कुर्सी बचती नजर आ रही है। मनीष तिवारी की जीत चंडीगढ़ में कांग्रेस-AAP गठबंधन का भविष्य भी फाइनल करेगी।
उम्मीद है कि अब आम आदमी पार्टी दूसरी बार कांग्रेस के सहयोग से चंडीगढ़ में अपनी पार्टी का मेयर बनवा पाएगी, क्योंकि अगले साल मेयर पद महिला उम्मीदवार के लिए रिजर्व है। ऐसे में AAP नेता एसएस आहलूवालिया और मेयर कुलदीप कुमार की साख भी बच गई है, क्योंकि दोनों पर मनीष तिवारी को जिताने की जिम्मेदारी रही।