पंजाब पुलिस की मुहिम, युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए किया जा रहा विशेष सेमिनार का आयोजन
पंजाब पुलिस
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर पंजाब पुलिस ने एन.डी.पी.एस. एक्ट के मामलों में भगोड़े अपराधियों को गिरफ्तार करने के मद्देनजऱ विशेष मुहिम शुरू की है। इसके तहत पिछले एक महीने के दौरान ऐसे 141 पीओज़/भगोड़ों को गिरफ्तार करने में टीम को सफलता मिली है। यह जानकारी सोमवार को यहां हैडक्वाटर के आई.जी.पी. डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने दी।
महिलाओं को भी धंधे में किया शामिल
साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे डॉ. गिल ने नशा-तस्करी के नए रूझानों संबंधी बात करते हुए कहा कि नशों के सप्लायरों ने नशा-तस्करी को सुरक्षित ढंग से करने के लिए महिलाओं को इस घृणित कारोबार में शामिल करना शुरू कर दिया है। यह भी ध्यान में आया है कि नशा-तस्कर आज-कल तस्करी करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट बरतने को प्राथमिकता देने लगे हैं, जिनको ट्रैक करने के लिए और अधिक मानवीय सतर्कता की ज़रूरत होती है।
नशों संबंधी साप्ताहिक अपडेट देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने पिछले एक सप्ताह के दौरान राज्य भर में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 354 एफ.आई.आर, जिनमें 36 वाणिज्यिक मामले हैं, दर्ज कर 472 नशा- तस्करों/सप्लायरों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से 5.53 किलो हेरोइन, 21.9 किलो अफ़ीम, 21.5 किलो गाँजा, 6 क्विंटल भुक्की और 1.46 लाख नशीली गोलियाँ/कैप्सूल/टीके/मेडिकल नशों की शीशियाँ बरामद करने के अलावा 23.37 लाख रुपए की ड्रग मनी भी बरामद की है। उन्होंने बताया कि यह कार्यवाही पुलिस द्वारा नशा प्रभावित क्षेत्रों की घेराबन्दी और तलाशी अभियान और नाकाबंदी के बाद अमल में आई है।
पंजाब पुलिस चला रही मुहिम
आई.जी.पी. ने कहा कि पंजाब पुलिस नशा-तस्करों/सप्लायरों पर शिकंजा कसने के अलावा युवाओं को नशों से दूर रखने और इन नशों का शिकार हो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशों के हानिकारक और बुरे प्रभावों से बचाने के लिए सभी सी.पी./एस.एस.पीज द्वारा अपने-अपने जिलों में नशों के विरुद्ध जागरूक करने के लिए सार्वजनिक बैठकें, नशा प्रभावित गांवों का दौरा, सेमिनार, विधायकों, सरपंचों और काउंसलरों के साथ साझी बैठकें करने के अलावा ग़ैर-सरकारी संगठनों और यूथ क्लबों को शामिल कर विभिन्न गतिविधियाँ की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि नशों के विरुद्ध चल रही मुहिम के हिस्से के तौर पर बरनाला पुलिस द्वारा युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित करने और उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को दुरूस्त रखने के लिए चार दिवसीय बास्केटबॉल लीग अंडर-17(लडक़े) करवाई गई है।
इसी तरह मलेरकोटला पुलिस द्वारा ‘सांझी सथ्थ’ के शीर्षक अधीन एक विशाल नशा-विरोधी कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसके तहत हरेक एस.एच.ओ अपनी टीम, जिसमें एक महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल है, के साथ हर रोज़ शाम के समय एक गाँव का दौरा कर गाँव-वासियों के साथ गाँव की किसी भी साझी जगह पर मुलाकात करते हैं। जबकि, सबसे अधिक प्रभावित या हॉटस्पॉट क्षेत्रों का दौरा भी किया जा रहा है, जिससे लोगों को नशों के बुरे प्रभावों संबंधी जागरूक किया जा सके और उनको नशों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा सके।
आई.जी.पी. ने कहा कि युवाओं को जागरूक करने के साथ-साथ पुलिस टीमें नशों के शिकार लोगों को इस खतरे से दूर रहने के लिए काउंसलिंग और प्रेरित कर रही हैं और उनको ईलाज के लिए ओ.ओ.ए.टी सैंटरों में भेजकर उनको मुख्यधारा में वापस लाने में मदद कर रही हैं।
गौरतलब है कि डी.जी.पी. ने सभी सीपीज़/एसएसपीज़ को सख़्ती से आदेश दिए हैं कि वह सभी शीर्ष नशा-तस्करों और उनके अधिकार क्षेत्रों में नशा-तस्करी के लिए बदनाम हॉटस्पॉट को चिन्हित कर नशा-तस्करों पर नकेल कसने और नशा बेचने/तस्करी करने वाले सभी व्यक्तियों को पकडऩे के लिए तलाशी अभियान शुरू किया जाए। उन्होंने पुलिस प्रमुखों को यह भी हिदायत की कि पकड़े गए सभी नशा-तस्करों की संपत्ति ज़ब्त की जाए, जिससे उनके अवैध पैसे को बरामद किया जा सके।
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