विनोद जगदाले, मुंबई
देश की सियासत में चुनावी मौसम आते ही नए-नए वादे और योजनाएं देखने को मिलती हैं। लेकिन क्या ये वादे सच में जनता के लिए होते हैं या सिर्फ सत्ता पाने का एक तरीका? ईद से पहले “सौगात ए मोदी” अभियान के तहत अल्पसंख्यक परिवारों को राशन और कपड़े बांटने की योजना पर उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा “पहले जहर बांटते थे, अब अनाज बांट रहे हैं।” क्या सच में यह योजना मदद के लिए है या चुनावी चाल? इस बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है।
बीजेपी की योजना पर उद्धव का कटाक्ष
बीजेपी द्वारा अल्पसंख्यक परिवारों को राहत देने के लिए शुरू किए गए “सौगात ए मोदी” अभियान पर शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पहले “बटेंगे तो कटेंगे” जैसी बयानबाजी करके समाज में जहर घोलती थी और अब चुनावी फायदे के लिए मुफ्त राशन और कपड़े बांट रही है। उद्धव ठाकरे ने इस योजना को चुनावी रणनीति करार देते हुए इसे “सौगात ए सत्ता” बताया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी को यह साफ करना चाहिए कि यह योजना केवल बिहार चुनाव तक सीमित है या इसे हमेशा जारी रखा जाएगा। ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मंगलसूत्र खतरे में है” वाले बयान पर भी निशाना साधा और कहा कि हिंदुत्व की रक्षा की बात करने वाली बीजेपी अब खुद अपने पुराने एजेंडे से भटक रही है।
नमाज पाबंदी पर भी उठाए सवाल
उद्धव ठाकरे ने उत्तर प्रदेश में सड़कों पर नमाज पढ़ने पर लगाई गई पाबंदी को लेकर भी बीजेपी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी “सौगात ए मोदी” जैसी योजना चला रही है, दूसरी तरफ धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा रही है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या बिहार में भी यह पाबंदी लागू की जाएगी और क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस फैसले का समर्थन करेंगे। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी केवल चुनावी फायदे के लिए धर्म और हिंदुत्व के मुद्दों को उठाती है, लेकिन अब जब सत्ता की मजबूरी आ गई है तो वह अपनी ही विचारधारा से पीछे हट रही है। उन्होंने कहा कि जनता को यह समझने की जरूरत है कि बीजेपी का हिंदुत्व केवल चुनावी राजनीति तक सीमित है और वास्तविक मुद्दों पर यह पार्टी कुछ नहीं कर रही।
बजट सत्र पर सरकार को घेरा
हाल ही में समाप्त हुए महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र पर भी उद्धव ठाकरे ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यह सत्र सरकार की विफलताओं को उजागर करने वाला रहा और इसमें जनता के हित में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह पूरा सत्र केवल “कबर से कामरा तक” ही सीमित रह गया। उद्धव ने सरकार के 100 दिनों के रोडमैप को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें कोई ठोस नीति नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं हुआ, न ही लाड़ली बहनों को 2,100 रुपये देने का वादा निभाया गया। ठाकरे ने कहा कि सरकार केवल बड़े-बड़े वादे कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं कर रही।
नागपुर दंगों और स्मारक के मुद्दे पर बयान
नागपुर दंगों और रायगढ़ के वाघ्या कुत्ते की समाधि पर चल रहे विवाद पर भी उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को यह सोचना चाहिए कि वे जिनके साथ सत्ता में बैठे हैं, वे इस तरह की घटनाओं को क्यों अंजाम दे रहे हैं। ठाकरे ने शिवाजी महाराज के प्रस्तावित अरब सागर स्मारक के निर्माण कार्य में हो रही देरी को लेकर भी सरकार से सवाल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार केवल ध्यान भटकाने वाले मुद्दे उठा रही है और असली विकास कार्यों से बच रही है। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता अब इस सरकार की असलियत समझ चुकी है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देगी।