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Patra Chawl Case: शिवसेना सांसद संजय राउत को PMLA कोर्ट से मिली जमानत, 102 दिन बाद होंगे रिहा

Patra Chawl Land Scam Case: शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत को बुधवार को बड़ी राहत मिली। संजय राउत को PMLA कोर्ट ने जमानत दे दी। कोर्ट ने संजय राउत के साथ प्रवीण राउत को भी जमानत दी है। राउत 102 दिनों के बाद जेल से रिहा होंगे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने जमानत आदेश पर […]

Patra Chawl Land Scam Case: शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत को बुधवार को बड़ी राहत मिली। संजय राउत को PMLA कोर्ट ने जमानत दे दी। कोर्ट ने संजय राउत के साथ प्रवीण राउत को भी जमानत दी है। राउत 102 दिनों के बाद जेल से रिहा होंगे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने जमानत आदेश पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की मांग की है ताकि ईडी मुंबई की पीएमएलए अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सके। बता दें कि 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद उन्हें 1 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। अभी पढ़ें Himachal Election: चंबी में PM मोदी बोले- हिमाचल के नौजवानों के जीवन का 5G से होगा कायाकल्प   ईडी ने कहा था कि राउत ने धोखाधड़ी करने में आरोपी की मदद की थी और बदले में 1.06 करोड़ रुपये उसकी पत्नी वर्षा राउत को अलग-अलग तरीकों से डायवर्ट किए गए। केंद्रीय एजेंसी ने संजय राउत को गोरेगांव में पात्रा चॉल (एक पुरानी पंक्ति के मकान) के पुनर्विकास और उनकी पत्नी और कथित सहयोगियों से संबंधित वित्तीय संपत्ति लेनदेन में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार, प्रवीण राउत, राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन ने मिलकर साजिश रची और परियोजना को पूरा किए बिना परियोजना से पैसे निकालने और 672 किरायेदारों के भविष्य को खतरे में डालने की साजिश रची, जिनके आवास पहले ही ध्वस्त हो चुके थे। प्रवीण राकेश और सारंग वधावन के साथ गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे।

जमानत पर रिहाई को लेकर ED ने किया था ये दावा

इससे पहले ईडी ने दावा किया था कि संजय राउत अगर जमानत पर रिहा होते हैं तो सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं और उनसे छेड़छाड़ कर सकते हैं। बता दें कि 2007 में HDIL (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक सहयोगी कंपनी, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को म्हाडा द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किरायेदारों के लिए फ्लैट विकसित करने थे और लगभग 3000 फ्लैट म्हाडा को सौंपने थे। कुल भूमि 47 एकड़ थी। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने पात्रा चॉल या किसी अन्य फ्लैट का पुनर्विकास नहीं किया। मार्च 2018 में, म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था, जबकि सारंग वधावन को उसी साल सितंबर में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। बाद में प्रवीण राउत को जमानत पर रिहा कर दिया गया। ईडी ने तब मामला दर्ज किया और मामले में मुख्य आरोपी के रूप में प्रवीण को गिरफ्तार किया। बाद में छह घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया। अभी पढ़ें जयराम रमेश बोले- G-20 का लोगो BJP का चुनाव चिन्ह बना, भाजपा प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ती

क्या है पात्रा चॉल भूमि घोटाला

पात्रा चॉल घोटाला मुंबई के उपनगरीय इलाके गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर का है। यह इलाका पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है। यह 47 एकड़ में फैला है, जिसमें कुल 672 घर हैं। इसी पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में धांधली के मामले की जांच अब ईडी के हाथों में है। पुनर्वास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (GACPL) को दे दिया था। लेकिन, 14 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिला है। अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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