सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेलगाड़ी के डिब्बे की तरह रिजर्वेशन हो गया है, जो लोग इसमें चढ़ गए हैं, वे दूसरों को आने नहीं देना चाहते हैं। इस मामले में अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के वकील को तलब किया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या की टिप्पणी?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने महाराष्ट्र के पंचायत चुनाव में OBC रिजर्वेशन मामले पर सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बों की तरह हो गया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि क्यों कुछ ही वर्ग के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए? बाकी लोगों को आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से पिछड़े हैं। यह राज्यों की जिम्मेदारी है कि इस पर विचार करें।
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SC का आदेश, 4 महीने में हो निकाय चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुरानी व्यवस्था के तहत चुनाव क्यों नहीं हो रहा है? अधिकारी स्थानीय निकाय के पदों पर बैठे हैं। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में 4 महीने के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव कराने के निर्देश दिए। 4 हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। 2022 के पहले की आरक्षण की व्यवस्था के मुताबिक चुनाव होंगे। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई होने तक इंतजार नहीं किया जा सकता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निकाय के चुनाव के नतीजे सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होंगे।
याचिकाकर्ता ने अदालत से क्या की मांग?
याचिकाकर्ता की तरफ से इंदिरा जय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र में पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंचायत में चुनी हुई लोकल बॉडी नहीं है, इसलिए उनकी जगह पर अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के वकील को अदालत में बुलाया है।
जानें कहां-कहां है चुनाव पेंडिंग?
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) सहित 29 नगर निगमों (महानगरपालिका), 257 नगर पालिकाओं, 26 जिला परिषदों और 289 पंचायत समितियों में चुनाव पेंडिंग है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण पर फैसला लेने का आग्रह किया था। कुछ याचिकाकर्ताओं ने रिट दायर कर मांग की है कि पंचायत चुनाव यह तो ओबीसी आरक्षण के साथ हो या बिना रिजर्वेशन के हो।
राज्य सरकार ने अध्यादेश में OBC को कितना दिया आरक्षण?
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के अध्यादेश फैसले पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अदालत ने पंचायत चुनाव पर रोक नहीं लगाई। SC ने साफ कर दिया कि बिना डेटा एकत्रित किए पंचायत चुनावों में आरक्षण नहीं लागू किया जा सकता है। ट्रिपल टेस्ट पालन किए बिना राज्य सरकार का ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश लाने के फैसले को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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