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मुंबई

लाड़ली बहन योजना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 2 विभागों की राशि डायवर्ट की, कितना पड़ा असर?

महाराष्ट्र सरकार द्वारा चलाई जा रही लाड़ली बहन योजना के लिए वित्तीय व्यवस्था करते हुए सरकार ने दो प्रमुख विभागों की निधियों से बड़ी राशि डाइवर्ट कर दी है। महाराष्ट्र ने एससी/एसटी फंड से 746 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए, जिससे वित्तीय तनाव के बीच कानूनी चिंताएं पैदा हो गईं।

Author Reported By : Vinod Jagdale Edited By : Deepti Sharma Updated: May 3, 2025 12:46
ladki bahin scheme
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महाराष्ट्र सरकार द्वारा चलाई जा रही लाड़ली बहन योजना के लिए वित्तीय व्यवस्था करते हुए सरकार ने दो प्रमुख विभागों – आदिवासी विकास विभाग और सामाजिक न्याय विभाग की निधियों से बड़ी राशि डाइवर्ट कर दी है। अप्रैल महीने की किश्त का वितरण 2 मई से शुरू हो चुका है, लेकिन इसके लिए कुल 745 करोड़ रुपये इन दोनों विभागों की योजनाओं से हटाकर योजना में लगाए गए हैं। आदिवासी विभाग से 335 करोड़ रुपये और सामाजिक न्याय विभाग से 410 करोड़ रुपये की राशि इस योजना के लिए ली गई है। यह पहली बार नहीं है जब इन विभागों के फंड में कटौती की गई है।

सरकार का क्या है दावा? 

इस कदम को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या सामाजिक रूप से पिछड़े और आदिवासी समुदायों के कल्याण की कीमत पर सरकार जनहित योजनाओं का खर्च निकाल रही है। इन विभागों की कई योजनाएं हैं, जैसे आदिवासी छात्रावास, छात्रवृत्ति, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और शैक्षणिक सहायता पहले से ही सीमित संसाधनों के चलते प्रभावित हो रही हैं। हालांकि, सरकार का दावा है कि लाड़ली बहन योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि अगर इसके लिए दूसरे कल्याणकारी विभागों के बजट में कटौती की जाती रही, तो यह लंबे समय में सामाजिक असंतुलन को जन्म दे सकता है।

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Deepti Sharma

Reported By

Vinod Jagdale

First published on: May 03, 2025 12:46 PM

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