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‘गद्दार को गद्दार नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे’? संजय राउत ने किया पलटवार, बाल ठाकरे के AI भाषण से शुरू हुआ विवाद

नासिक में शिवसेना (यूबीटी) के एक कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से बाला साहेब बाल ठाकरे की आवाज में लोगों को भाषण सुनाया गया। उद्धव गुट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम पर भाजपा ने हमला करते हुए इसे बचकाना हरकत बताया था। अब शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भाजपा और एकनाथ शिंदे पर पलटवार किया है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत।
बसंत चौहान, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद शिवसेना (UBT) अपनी संभावनाओं को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में पार्टी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेते हुए नासिक के गोविंदनगर में मनोहर गार्डन लॉन्स में आयोजित 'निर्धार शिबिर' में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की आवाज में 13 मिनट का भाषण प्रसारित किया। इस भाषण में भाजपा और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली मौजूदा शिवसेना पर हमला किया गया। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इसे 'बचकाना' बताया। अब एक बार फिर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भाजपा और एकनाथ शिंदे पर हमला किया है।

क्या कहा संजय राउत ने?

नासिक में एक कार्यक्रम के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की आवाज में 13 मिनट का भाषण प्रसारित किए जाने पर संजय राउत ने कहा कि आज पूरे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। इस मामले में चीन हमसे बहुत आगे निकल गया है, अमेरिका हमसे आगे चला गया है और पीएम नरेंद्र मोदी भी बार-बार AI टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हैं। ऐसे में अगर किसी ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है तो उसमें गलत क्या है? अगर बाला साहेब ठाकरे इस टेक्नोलॉजी से कुछ बोल रहे हैं और वो सच बोल रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? मिस्टर ग्रुक से आप पूछिए कि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के साथ बात किया है या नहीं, अगर वह कहेंगे कि यह बात झूठ है तो मैं इसे मानने को तैयार हूं।

गद्दार को गद्दार नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?

राउत ने आगे कहा कि 'बाला साहेब ठाकरे ने AI टेक्नोलॉजी के जरिए शिविर में जो बात कही, उसकी बहुत तारीफ हो रही है। उन्होंने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंद पर निशाना साधते हुए कहा कि गद्दार को गद्दार नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? राउत ने बताया कि 'गद्दार' शब्द बाला साहेब ठाकरे ने लाया था, जब नारायण राणे या और कोई पार्टी छोड़कर गए थे। गद्दारी का अर्थ बाला साहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के लोगों को समझाया था। ये कौन से गंगा में धुले हुए लोग हैं जिनके बारे में ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करें। ये जो एकनाथ शिंदे और जैसे बाकी और लोग हैं उनकी एक पार्टी है, उनकी पार्टी अमित शाह ने बनाई है, उनके पार्टी के प्रमुख भी अमित शाह हैं। इसलिए अगर उनको हमारे बारे में कोई शिकायत करनी है तो अमित शाह के पास जाकर करिए।' [videopress ni6wbfmK]

क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के नासिक में 16 अप्रैल को एक कार्यक्रम में बाल ठाकरे की AI आवाज वाला भाषण करीब 13 मिनट तक चला था। इसकी शुरुआत 'जामलेय माझ्या तमाम हिंदू बांधवणु, बाघिनिनो आणि मतनो' (यहां एकत्र हुए मेरे हिंदू भाइयों, बहनों और माताओं को नमस्कार) से हुई। पार्टी के अनुसार, इस भाषण में वही बातें दोहराने की कोशिश की गई जो बाल ठाकरे जीवित होते तो कहते। AI के भाषण में बाल ठाकरे के हाव-भाव और लहजे को भी शामिल की कोशिश की गई।

भाजपा ने बताया 'बचकाना' हरकत

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इसके लिए शिवसेना (यूबीटी) की निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, शर्मनाक! जब कोई उनकी आवाज नहीं सुन रहा है, तो केवल यूबीटी जैसा समूह ही बाला साहेब ठाकरे की आवाज में अपनी बात कहने का बचकाना काम कर सकता है। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के कुछ कामों की लिस्ट भी साझा की और लिखा कि ये सब बाल ठाकरे की विचारधारा के विपरीत थीं। इसमें टीपू सुल्तान के नाम पर बगीचों का नाम रखना, कांग्रेस का साथ देना, वक्फ बोर्ड के खिलाफ वोट देना, राम मंदिर का विरोध करना आदि शामिल हैं।


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