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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई पुलिस को क्यों नहीं मिल रही लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी?

Baba Siddique Murder Case : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आया है। इस मामले में मुंबई पुलिस पूछताछ के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी मांग रही है, लेकिन उनकी अपील बार-बार खारिज हो जा रही है। आइए जानते हैं कि क्या है वजह?

Baba Siddique Murder Case : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई एक बार फिर सुर्खियों में है। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई का हाथ सामने आया है। इसे लेकर मुंबई पुलिस उसकी कस्टडी चाहती है, लेकिन बार-बार अपील खारिज कर दी जा रही है। आइए जानते हैं कि मुंबई पुलिस को क्यों नहीं मिल रही लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी? गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस वक्त गुजरात की साबरमती जेल में कैद है। अप्रैल में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी और अब महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ने ली। ऐसे में मुंबई पुलिस पूछताछ के लिए गैंगस्टर की कस्टडी मांग रही है। यह भी पढ़ें : 10 कमरों में सिर्फ लॉरेंस बिश्नोई, हाई सिक्योरिटी जोन, साबरमती जेल में किस हाल में है लॉरेंस बिश्नोई? क्यों नहीं मिल रही गैंगस्टर की कस्टडी? एनडीटीवी ने अप्रैल की घटना के बाद सूत्रों के हवाले से बताया कि मुंबई पुलिस ने साबरमती जेल से लॉरेंस बिश्नोई की हिरासत के लिए कई बार अपील की, लेकिन गृह मंत्रालय के एक आदेश की वजह से उनके आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगस्त में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के स्थानांतरण प्रतिबंध एक साल के लिए बढ़ा दिया था, जिससे उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में रहना पड़ेगा। साबरमती जेल में करनी पड़ेगी पूछताछ अगर किसी राज्य की पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ करनी है तो जेल कैंपस के अंदर ही होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस आदेश की वजह से मुंबई पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी नहीं मिल रही है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के सिलसिले में गैंगस्टर के खिलाफ जांच चल रही है। यह भी पढ़ें : 700 शूटर्स का रोस्टर… एक कॉल, कहीं भी कर डालते हैं वारदात; कितनी पावरफुल है लॉरेंस बिश्नोई की गैंग? जानें क्या है आदेश? दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 268 के तहत शुरू में लगाया गया प्रतिबंधात्मक आदेश इस साल अगस्त में खत्म होने वाला था, लेकिन अब इसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 303 के तहत बढ़ा दिया गया है, जिसने जुलाई में सीआरपीसी की जगह ले ली। साबरमती सेंट्रल जेल की अधीक्षक डीआईजी श्वेता श्रीमाली ने पुष्टि की कि यह नया आदेश अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगा।


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