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सास भी दर्ज करवा सकती है घरेलू हिंसा का मुकदमा, सभंल के रहे बहू

Chhattisgarh News: खैरागढ़ जिला के बढ़ईटोला ग्राम में तालुक विधिक सेवा समिति द्वारा गुरुवार को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक गर्ग ने व्यक्ति के पक्ष में विशेषाधिकार के अभाव को दर्शाया और उन्हें कानून की अहमियत के बारे में बताया। उन्होंने […]

Chhattisgarh News: खैरागढ़ जिला के बढ़ईटोला ग्राम में तालुक विधिक सेवा समिति द्वारा गुरुवार को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक गर्ग ने व्यक्ति के पक्ष में विशेषाधिकार के अभाव को दर्शाया और उन्हें कानून की अहमियत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि देश के सभी न्यायालयों द्वारा प्रशासित कानून के सामने सभी व्यक्तिय एक समान है। फिर चाहे वो व्यक्ति अमीर हो या गरीब, सरकारी अधिकारी हो या कोई गैर-सरकारी व्यक्ति कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

सास भी घरेलू हिंसा का दर्ज करवा सकती है केस

कार्यक्रम में पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने ग्रामीण महिलाओं को उनके कानूनी आधिकार के बारे में जागरुक किया। गोलूदास साहू ने घरेलू हिंसा के बारे में जरूरी जानकारी देते हुए कहा कि अक्सर लोगों को लगता है कि इस कानून का इस्तेमाल सिर्फ पत्नियां ही कर सकती हैं। लेकिन इससे कही ज्यादा है, इस कानून के तहत गृहस्थी में रहने वाली कोई भी महिला अपने साथ हिंसा होने पर मुकदमा दर्ज करवा सकती है। एक मां भी अपने बेटे-बहू पर घरेलू हिंसा के तहत केस दर्ज करवा सकती है।

आबकारी एक्ट अधिनियम

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आगे आबकारी एक्ट के बारे में भी कुछ अहम कानूनी जानकारी को ग्रामीणों को दी। उन्होंने बताया कि आबकारी एक्ट अधिनियम के तहत 34(2) किया गया अपराध गैर जमानती है। इस धारा का उपयोग अधिकतर 5 लीटर से अधिक शराब के साथ पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर लगाया जाता है। इस धारा के तहत पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माने के साथ 2 साल की सजा का प्रावधान है। यह भी पढ़ें: सीएम बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा- ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया

जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022

उन्होंने छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 के बारे भी लोगों को जागरुक किया। जिसमें उन्होंने बताया कि पुराने अधिनियम में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन अब दण्ड का प्रावधान है, जिसमें व्यक्ति को 1 से 3 साल की जेल और 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति बार-बार ये अपराध करता पकड़ा गया, उसे 2-7 साल तक की जेल हो सकती है और 1 से लेकर 10 लाख तक का जुर्माना लग सकता है।

मोटर व्हीकल एक्ट

इसके साथ ही उन्होंने लोगों को मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में भी बताया, जिसमें बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनने से लेकर शराब पीकर गाड़ी ना चलाने, सही तरीके से इंडिकेटर का उपयोग करने, हमेशा गाड़ी चलाते समय सामने की तरफ नजर बनाए रखें और ध्यान से गाड़ी चलाने और ओवरटेक करते समय सभी नियमों का ध्यान रखने के लिए कहा है।


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