Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर में भिखारियों की सूचना देने पर 1 हजार रुपये का इनाम दिया जा रहा है। यह पहल इंदौर जिला प्रशासन ने शुरू की है। इसके तहत भिखारियों की सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा। इस देश की सबसे क्लीन सिटी इंदौर का अब भिक्षुक मुक्त अभियान भी देशभर में उदाहरण पेश कर रहा है। इंदौर जिले में भिक्षा वृत्ति पर रोक लगाने के लिए इंदौर कलेक्टर ने चौराहों, धार्मिक स्थलों समेत अन्य जगह भिक्षा मांगने वालों की सूचना देने वाले को एक हजार रुपये का इनाम देना शुरू किया।
अन्य राज्यों से आ रही कॉल्स
इस पहल के चलते इंदौर में एक महीने में अब तक 23 लोगों को भिक्षुकों की सूचना देने के लिए अवार्ड दिया जाएगा। 100 से ज्यादा भिक्षुक भी पकड़े गए। भिक्षुकों पर कंट्रोल करने के लिए इंदौर में शुरू हुआ यह प्रयोग और हेल्पलाइन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
यह नंबर सोशल मीडिया पर इतना वायरल हो चुका है कि असम, हिमाचल, कर्नाटका, कश्मीर, सिक्किम, गुवाहाटी, नागपुर, पुडुचेरी सहित मध्य प्रदेश के अन्य शहरों से भी भिक्षुकों के रेस्क्यू के लिए कॉल आ रहे हैं। 3 जनवरी से अब तक एक महीने में 500 से ज्यादा कॉल आ चुके हैं, जिसमें 150 से ज्यादा अन्य राज्यों के थे।
भिक्षा देने पर डायरेक्ट मामला दर्ज
भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर अभियान के तीसरी स्टेज में 2 जनवरी को कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किया था, जो 28 फरवरी तक लागू रहेगा। इस दौरान भिक्षा के रूप में कुछ भी देने पर, उनसे किसी तरह की सामग्री क्रय करने पर सीधे मामला रजिस्टर किया जाएगा।
इसके साथ ही भिक्षावृत्ति की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9691494951 जारी किया गया। इसमें सूचना देने वालों को 1 हजार रुपये बतौर इनाम देने का भी कहा गया। अब तक प्रशासन भिक्षुकों की सूचना देने वाले 28 लोगों का सम्मान कर उन्हें इनामी राशि दे चुका है।
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