विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: मध्यप्रदेश में खाद संकट पर News24 की खबर का असर देखने को मिला है। खबर प्रसारित होने के कुछ ही घंटे बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। सीएम शिवराज ने खाद से संबंधित विभागीय मंत्रियों की मौजदूगी में सभी जिला कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर निर्देश दिए।
सीएम शिवराज ने दिए ये निर्देश
उन्होंने कहा कि “किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े। जिलों में खाद वितरण सुचारू रहेगी। किसानों को अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े। अतिरिक्त अमला इस कार्य में लगाएं। वितरण केंद्रों पर पीने के पानी का इंतजार किया जाए साथ ही वितरण के लिए अतिरिक्त केंद्र शुरू करें”
कलेक्टर्स की निगरानी में रहे व्यवस्था
सीएम ने कहा है कि किसानों को आसानी से खाद मिले। वितरण केंद्र के पास टेंट, बैठक व्यवस्था और पेयजल का प्रबंध रहे। उपलब्धता के बावजूद वितरण व्यवस्था की किसी कमी के कारण किसान को परेशानी नहीं आना चाहिए। किसान को लाइन न लगाना पड़े, उसका समय और ऊर्जा जाया न हो, इसके लिए कलेक्टर्स पूरी व्यवस्था पर निगरानी रखें।
सीएम ने बताया कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है, ना ही आने वाले समय में कमी रहेगी। वह नियमित रूप से केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से सम्पर्क में हैं।
बता दें कि इस बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा समेत विभाग के अफसर मौजूद रहे।
Video से समझें खाद की समस्या
दरअसल, मध्यप्रदेश में रबि की फसल की बोवनी करने का वक्त है। इसी वक्त खाद की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। प्रदेश के कई जिलों में खाद यूरिया की किल्लत शुरू हो गई है। जितनी मात्रा में किसानों को खाद चाहिए उतनी मिल नहीं पा रही है।
इन जिलों में गर्माया था मुद्दा
शिवपुरी जिले के करैरा में खाद वितरण केंद्र पर लंबे इंतजार के बावजूद खाद न मिलने से नाराज किसान महिलाएं खाद वितरण केंद्र के कर्मचारी की कॉलर पकड़ चुकी हैं। विदिशा जिले के सिरोंज में किसान खाद वितरण केंद्र पर अपने दस्तावेज जमीन पर लाइन से रखकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। किसान धनराज, किसान रफीज और किसान कुन्दन सिंह ने बताया कि खाद के लिए 2 से 3 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है, न पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही किसी तरह की बैठने की।
गुना जिले में किसान की गई जान
गुना जिले के कुंभराज में सोसाइटी के बाहर खाद की लाइन में लगे कुंभराज निवासी रामप्रसाद की 21 अक्टूबर को चक्कर खाकर मौत हो गई थी। ये आरोप रामप्रसाद के परिजनों ने लगाए हैं। राजगढ़ जिले में खाद के ट्रक के लोग खाद लूटकर भी ले जा चुके हैं।
राजधानी में यूरिया की रुक-रुक कर हो रही सप्लाई
वहीं भोपाल जिले के कोडिया गांव में खाद वितरण केंद्र पर किसानों को जैसे तैसे डीएपी तो मिल रहा है लेकिन यूरिया की सप्लाई रुक-रुक कर हो रही है। लेकिन नगद में यूरिया नहीं मिल रहा। किसान परेशान थे, उनका कहना था कि डिफाल्टर होने से क्या यूरिया नहीं मिलेगा, तो कुछ किसानों का कहना है कि एक तो खाद समय पर नहीं मिल रहा और जो मिल रहा है इसकी मात्रा नाकाफी है।
वहीं खाद वितरण केंद्र के मैनेजर मोहन प्रसाद सेन का कहना है कि डीएपी दी जा रही है यूरिया जो रजिस्टर किसान है उन्हें ही दिया जा रहा है। जो डिफाल्टर किसान है उन्हें जैसे जैसे यूरिया आएगा उसी हिसाब से वितरित किया जाएगा।
किसान नेता कक्काजी ने भी की खाद सप्लाई की मांग
किसानों को यूरिया डीएपी पर्याप्त न मिलने को लेकर किसान नेता शिव कुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि किसानों को यूरिया डीएपी की समस्या है जो दूर करना चाहिए।
7 दिन पहले सीएम शिवराज ले चुके हैं बैठक
2 नवंबर को पन्ना दौरे के दौरान किसानों को हो रही खाद की परेशानी की जानकारी जब सीएम शिवराज तक पहुंची तो मुख्यमंत्री ने फौरन सीएम हाउस पर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया समेत सहकारिता विभाग के अफसरों और मार्कफेड के प्रबंध संचालक की मीटिंग बुलाई थी। सीएम ने कहा था कि खाद को लेकर पहले भी निर्देश दिए गए हैं। फिर भी कहीं कहीं से प्राप्त हो रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए।
सहकारिता मंत्री ने कहा खाद की डिमांड बढ़ गई है
खाद की सप्लाई को लेकर मीटिंग में मौजूद रहे सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस बार पैदावार बहुत अच्छी हुई है इसलिए खाद की डिमांड बढ़ गई है, मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में अब तक 6 लाख मीट्रिक टन की मांग में से 3,64 लाख मीट्रिक टन मिल चुका है, जबकि यही हाल डीएपी का है, जो 4 लाख मीट्रिक टन के एवज में 2,65 लाख मीट्रिक टन मिल चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में बाकी की सप्लाई भी हो जाएगी। कही कही लाइन में लगकर किसानों को दिक्कत हो रही है लेकिन वो वितरण केंद्र बढाकर जल्द दूर कर दी जाएगी। हालांकि, मंत्री अरविंद भदौरिया का ये भी कहा कि कमलनाथ सरकार में कर्ज माफी न होने के चलते किसान डिफाल्टर हो गए उन्हें थोड़ी परेशान हो रही है लेकिन उनकी सुविधा के लिए वो भी नकद देकर खाद यूरिया ले सकते हैं
कांग्रेस बोली किसान विरोधी है सरकार
खाद यूरिया की किल्लत से किसान तो परेशान हैं ही लेकिन इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस बीजेपी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कह रही है कि खाद यूरिया की कमी से किसान परेशान हैं, किसानों को लंबी लाइन लगाकर बैठना पड़ रहा है और मुख्यमंत्री सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए बैठक कर रहे हैं।
कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि कमलनाथ सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की लेकिन सरकार जाने के बाद जिन किसानों की कर्ज माफी नहीं हो सकी उन जगह डिफाल्टर किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। खाद यूरिया की सप्लाई को लेकर सरकार ने कोई तैयारी नहीं की।