Chief Minister Mohan Yadav: भोपाल में फरवरी 2025 में स्टेट इन्वेस्टर्स समिट होने जा रहा है। इस समिट में ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने के लिए सीएम डाॅ मोहन यादव अलग-अलग शहरों में जाकर इंटरेक्टिव सेशन आयोजित कर रहे हैं। मुंबई, कोयम्बटूर के बाद मुख्यमंत्री का अगला इंटरेक्टिव सेशन अब बेंगलुरु में होने जा रहा है। सीएम सात और आठ अगस्त को बेंगलुरु के दौरे पर रहेंगे। सीएम दोपहर 2 बजे बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे। दो दिनी सत्र के बीच सीएम उद्योगपतियों के साथ वन टू वन और राउंड टेबल चर्चा भी करेंगे। 7 अगस्त के सत्र में औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। 8 अगस्त को इंटरेक्टिव सत्र होगा। जिसमें फिल्म एडवांटेज मध्य प्रदेश दिखाई जाएगी। इस फिल्म के जरिए प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए सभी तरह की जानकारी दी जाएगी।
सत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, एयरोस्पेस और रक्षा, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, हेल्थकेयर के साथ मेडिकल डिवाइस संबंधी उद्योगों के प्रदेश में निवेश पर विस्तृत चर्चा होगी। आपको बता दें बेंगलुरु विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस, आईबीएम जैसी कई नामी आईटी कंपनियों का हब है। यहां से प्रदेश में बड़ा निवेश आने की संभावना है।
स्पेस टेक्नोलॉजी में मप्र ने बढ़ाया कदम
सीएम मोहन बेंगलुरु में दो दिन तक उद्योगपतियों से रूबरू होंगे। मप्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। पिक्सल, दिगंतरा, गैलेक्स आई, सेटस्योर कलाइड ईओ, स्काई सर्वर जैसी कंपनी के प्रतिनिधियों से मिलेंगे। आपको बता दें कि सेटस्योर कंपनी सैटेलाइट इमेजरी उपलब्ध कराती है। पिक्सर कंपनी पृथ्वी के चित्रों पर आधारित छोटे सैटेलाइट का निर्माण और संचालन करती है। गौरतलब है कि स्पेस टेक्नोलॉजी सेक्टर में मध्यप्रदेश में पहली बार निवेश प्राप्त करने के लिए कदम बढ़ाया है। स्पेस टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम कर रही कंपनियां उपग्रह चित्रण और डाटा एनालिटिक्स की सेवाएं उपलब्ध कराती है। उपग्रह के माध्यम से वैश्विक निगरानी और डाटा की शुद्धता में सुधार होता है। यह कंपनियां अंतरिक्ष में प्रदूषण और कक्षीय वस्तुओं पर निगरानी के लिए नवीनतम तकनीकी विकसित कर रही है। इन कंपनियों का उद्देश्य अंतरिक्ष में सुरक्षा को बढ़ाना है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बेंगलुरु में आईटी सेक्टर की कंपनियों से भी संवाद करेंगे और निवेश की संभावना पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्य रूप से कॉग्निजेंट, नेसकॉम, किंड्रील, इंफोसिस, टीसीएस, विसेन टेक्नोलॉजी, सीसा इंफोसेक हैपिएस्ट माइंड्स, डेल्टा कैपिटा, नीमन मारकस एवं मोवाटे जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। इसके अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने वैश्विक ऑपरेशन को बेहतर तरीके से संचालन करने के लिए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थपित करती है। यह सेंटर आर्थिक प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, आईटी सपोर्ट, डाटा एनालिटिक्स और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की सेवाएं और संचालन की दक्षता प्रदान करते हैं। वे लागत में कमी लाने में भी मदद करते हैं और स्थानीय बाजार में निवेश के अवसर सृजन करने में सहायक होते हैं।
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स को भोपाल और इंदौर में स्थापित करें। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इन केंद्रों की स्थापना से राज्य की प्रतिभाओं का उपयोग किया जा सकेगा जिससे कुशल कार्यबल की उपलब्धता भी बढ़ेगी। इन केंद्रों से शहरों में तकनीकी नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य में आईटी के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों और इस क्षेत्र की आवश्यकताओं के संबंध में प्रमुख निवेशकों से चर्चा करेंगे। मध्यप्रदेश में गारमेंट इंडस्ट्री की संभावनाओं को देखते हुए बेंगलुरु में प्रमुख परिधान और कपड़ा (टेक्टाइल) कंपनियों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव चर्चा करेंगे। इस क्षेत्र की कई कंपनियां जैसे बेस्ट कॉर्प और गोकलदास मध्यप्रदेश में निवेश कर रही है। गारमेंट इंडस्ट्री में निवेश से मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। गारमेंट इंडस्ट्री में निवेश से मध्यप्रदेश को युनिवर्सल गारमेंट सेक्टर में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।
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