MP Assembly Election 2023 : पूजा के बहाने सभा नहीं कर सकेंगे नेता, EC ने कलेक्टरों को दिये कई निर्देश
लोकसभा चुनाव की तारीखों का 14 या 15 मार्च को होगा ऐलान
MP Assembly Election 2023 : प्रदेश में अलगे महीने यानी नवंबर में मतदान होने हैं इसके पहले नवरात्रि और दीपावली के त्यौहार हैं। दोनों ही त्योहारों में खासकर नवरात्रि में मध्य प्रदेश में गरबा की धूम होती है। ऐसे में राजनेता गरबा पंडाल और नव दुर्गा में दुर्गा पूजा के बहाने चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। इस मामले को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी रणनीति साफ कर दिया है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान कलेक्टर और उनके अधीनस्थ अफसर किसी भी धार्मिक स्थल के परिसर में सभा की अनुमति नहीं देंगे। चुनाव आयोग ने इस मामले में अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है।
आयोग ने यह भी कहा है कि राजनीतिक दलों को जुलूस एवं रैली की अनुमति देने में यह स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि जुलूस व रैली किन-किन मार्गों से गुजरेगी। रैली या जुलूश कहां से शुरू होगा और कहां खत्म होगा। आयोग ने कहा कि दो राजनैतिक दलों को एक ही समय में एक ही स्थान पर सभा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभाओं के बीच में कम से कम तीन घंटे का अंतर रखा जाएगा।
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सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस राजनेता नहीं कर सकेंगे बैठक
चुनाव आयोग ने बैठको को लेकर साफ कर दिया है कि राजनेता सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस में बैठक नहीं कर सकेंगे। जिलों और विकासखंड व अन्य स्थानों पर बनाए सभी सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस चुनाव आचार संहिता के दायरे में रहेंगे। इन स्थलों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के निर्देश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने कलेक्टरों को दिए हैं। आदेश में कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत जिले के सभी विश्राम भवनों को अधिग्रहीत कर कार्यवाही की जानी है। विश्राम गृह भवनों के नियंत्रणकर्ता अधिकारी नियम और निर्देशों का पालन करेंगे। उन्हें कहा गया है कि विश्राम गृहों का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा।
नेताओं के उत्तेजक भाषणों पर होगी नजर
चुनाव आयोग ने सभी जिले के कलेक्टरों से कहा है कि विभिन्न राजनैतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा आम सभा, जुलूस, रैली आदि का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान राजनैतिक दलों, व्यक्तियों द्वारा प्रचार-प्रसार के दौरान एक दूसरे के विरुद्ध उत्तेजक शब्दों का प्रयोग करने की संभावना है, जिससे तनाव पूर्ण स्थिति निर्मित हो सकती है। इसलिए इस पर नजर रखी जाए।
लाउड स्पीकर की आवाज पर लेगेगी लिमिट
चुनाव आयोग के निर्देश में जिलों में कलेक्टरों से कहा गया है कि सभाएं, जुलूस, रैली आयोजित करने और जुलूस में लाउड स्पीकर के उपयोग करने की अनुमति देने के लिये संबधित विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को प्राधिकृत अधिकारी होंगे। ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति ग्रामीण, नगर पालिका और निगम क्षेत्र के बाहर की सीमा में पूर्वाह्न 6 बजे से अपराह्न 11 बजे तक तथा अन्य क्षेत्रों में जो निगम अथवा नगर पालिका क्षेत्र की सीमा में आते हैं। उन क्षेत्र में पूर्वाह्न 6 बजे अपराह्न 10 बजे तक के मध्य होगी।
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