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ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह कदम कैसे हो सकता है ‘मिशन-2023’ में गेम चेंजर! समझिए सियासी समीकरण

MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ अब आरएसएस भी एक्टिव हो चुका है। इस सियासी जमावट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अहम भूमिका में नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि सिंधिया का एक दांव बीजेपी के लिए फायदेमंद […]

Jyotiraditya Scindia
MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ अब आरएसएस भी एक्टिव हो चुका है। इस सियासी जमावट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अहम भूमिका में नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि सिंधिया का एक दांव बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

ग्वालियर में संघ कार्यालय पहुंचे सिंधिया

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में शामिल हुए तीन साल का वक्त हो चुका है। जिसके बाद से ही वह लगातार संघ के करीब भी जा रहे हैं। सिंधिया अब तक नागपुर में संघ मुख्यालय और भोपाल कार्यालय पर जा चुके हैं। जबकि शुक्रवार को वह पहली बार अपने गृहनगर ग्वालियर में भी संघ कार्यालय पहुंचे। जिससे सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। सिंधिया ने कार्यालय में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर से करीब 15 मिनट तक बंद कमरे में मुलाकात की है। हालांकि इस मुलाकात को लेकर जब सिंधिया से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि लंबे समय से मुलाकात तय थी, लेकिन आज हो पाई है, कई मुद्दों पर बात हुई है, पुरानी यादें ताजा हुई है, मेरी आजी अम्मा का पुराना रिश्ता रहा है।

संघ से करीबी हो सकती है फायदेमंद

दरअसल, संघ चुनाव में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में सिंधिया के लिए संघ से करीबी फायदेमंद साबित हो सकती है। बता दें कि इससे पहले भी जब सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे तो उसके बाद वह नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय पहुंचे थे। जबकि वह संघ प्रमुख से भी मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में संघ से करीबी उन्हें बीजेपी में अपनी जड़े और मजबूत करने में आसानी देगी।

संघ की हर सीट पर पकड़

बता दें कि ग्वालियर-चंबल अंचल की सभी 34 सीटों पर संघ की अच्छी पकड़ मानी जाती है। सिंधिया चुनाव में अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं। ऐसे में अगर संघ का फीडबेक उनके लिए पॉजिटिव रहा तो यह उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि संघ के कार्यकर्ता हर विधानसभा सीट पर हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना

हालांकि सिंधिया के संघ कार्यालय जाने पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने इस मामले में सिंधिया पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की हालत एक रिफ्यूजी की तरह हो चुकी है, वह जब तक कांग्रेस पार्टी में थे तब तक हालात अच्छे थे, लेकिन आज वह रिफ्यूजी की जिंदगी जी रहे हैं, यही वजह है कि वह कभी इस समाज के बीच तो कभी बीजेपी के नेताओं के बाद आरएसएस कार्यालय पहुंचकर अपनी जगह ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी में आज भी उनकी कोई जगह नही बन पा रही है, लेकिन प्रदेश की जनता सब जानती है इसलिए आने वाले दिनों में यह रिफ्यूजी पूरी तरह से फ्यूजी होने वाला है।

बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस की बयानबाजी पर बीजेपी का भी पलटवार सामने आया है, बीजेपी जिला अध्यक्ष अभय चौधरी का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब भी अंचल के दौरे पर आते हैं, वह अपनों के बीच जाकर मुलाकात करते हैं, इसी कड़ी में वह आरएसएस कार्यालय पहुंचे थे, कांग्रेस की बयानबाजी से कोई फर्क नहीं पड़ता है, ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में अपना अलग ही स्थान है। उन्हें स्थान बनाने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि चुनावी साल में कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहै है, कांग्रेस पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी उनके ही इलाके में करने की कोशिश कर रही है, ऐसे में देखना होगा कि सत्ता का गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर चंबल अंचल में सियासी शतरंज की बिसात पर चली जा रही चालो के बाद किसे जीत और किसे हार नसीब होती है। ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट ये भी देखें: Scindia पहली बार पहुंचे Gwalior 'RSS' कार्यालय,'INDIA' गठबंधन पर कसा तंज


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