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CM शिवराज ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील, कहा-हमें पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा

MP News: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएम शिवराज ने प्रदेश के लोगों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील करते हुए प्रदेश में जगह-जगग पौधे लगाने की अपील की है। सीएम ने कहा कि पौधे लगाना बहुत जरूरी है। क्योंकि अब हमें पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा। आगे का जीवन […]

shivraj singh chouhan
MP News: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएम शिवराज ने प्रदेश के लोगों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील करते हुए प्रदेश में जगह-जगग पौधे लगाने की अपील की है। सीएम ने कहा कि पौधे लगाना बहुत जरूरी है। क्योंकि अब हमें पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा।

आगे का जीवन कठिन होगा

सीएम शिवराज ने कहा कि 'भौतिक प्रगति की अंधी चाह से बढ़े संसाधनों के शोषण ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। इससे जलवायु परिवर्तन और क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। वर्ष 2050 तक धरती की सतह का तापमान 2 सेंटीग्रेड बढ़ने की संभावना है। इससे जीवन कठिनतम हो जाएगा। खेती में अत्यधिक रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग का परिणाम कैंसर फैलने के रूप में सामने आ रहा है। भारत की माता-बहनें हजारों सालों से प्रकृति के प्रति संवेदनशील रही हैं, पेड़-पर्वतों की पूजा में उनका प्रकृति के प्रति आदर भाव अभिव्यक्त होता था।'

पीएम मोदी ने दिखाई दिशा

सीएम ने कहा कि 'वर्तमान पीढ़ी को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए चेतना होगा, यदि हमने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को हम रहने लायक नहीं छोड़ पाएंगे। पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को पौध-रोपण, बिजली की बचत, पानी बरबाद न करने और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लेना होगा। इन आदतों में परिवर्तन कर हम धरती की सेवा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) का मंत्र देकर पर्यावरण-संरक्षण के लिए विश्व को दिशा दिखाई है।'

1 पेड़ कई लोगों को जीवन देता है

मुख्यमंत्री कहा कि भारतीय संस्कृति अद्भुत है। हमारे ऋषि- मुनियों ने प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणामों को पहले से ही भांप लिया था। भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि एक ही चेतना हम सब में है। प्राणियों में भी वही चेतना है जो पुशओं में है। इसलिए गो-माता के साथ विभिन्न देवताओं के वाहनों के रूप में पशुओं की उपासना भारतीय जीवनशैली में आरंभ से ही शामिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पेड़ कई जीवों को जीवन देता है। हमारी संस्कृति में वृक्षों की पूजा की जाती है। नदियों को मां माना गया तथा गोवर्धन पूजा से पेड़-पर्वत और समग्र प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया गया।'


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