Bhopal News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में 24 नवंबर को 'राज्य स्तरीय कार्यशाला-वॉटर शेड सम्मेलन' का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित किया. इस कार्यक्रम की थीम 'आत्मनिर्भर पंचायत समृद्ध मध्यप्रदेश' रखी गई है. यह कार्यशाला 26 नवंबर तक कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कंन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगी. 3 दिवसीय कार्यशाला में 2000 से ज्यादा जनप्रतिनिधि, अधिकारी और विषय विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं. कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन ने जल संवर्धन के लिए काम करने वाले अधिकारियों की जमकर प्रशंसा की. कार्यशाला के दौरान उन्होंने कहा कि आज प्यासा कुएं के पास नहीं आया है, कुआं प्यासे के पास आया है. राज्य सरकार पंचायतों के विकास के लिए हर कदम पर साथ खड़ी है.
भारत की आत्मा ग्रामीण अंचल में बसती है
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे यहां शासन की अद्भुत परंपरा है. शासन गांव से जुड़कर सच्चे अर्थों में भारत को मजबूती प्रदान करता है. महात्मा गांधी के शब्दों में कहा जाए तो भारत की आत्मा ग्रामीण अंचल में बसती है. सीएम डॉ. मोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन करने की पद्धति और उनके सुशासन के दृष्टिकोण ने भारत को अलग पहचान दिलाई है. हम कल्पना कर सकते हैं कि साल 2047 का अमृतकाल कैसा होगा. हमारी सरकार लगातार इस पर मंथन कर रही है कि जिला पंचायतें, पंचायतें, जनपद पंचायतें किस तरह से आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि आदिकाल से हमारे समाज में ऑटोनोमी को स्थान दिया गया है. इसलिए शासन की स्वशासी व्यवस्थाओं में पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाना जरूरी है. हमें चुनी हुई इकाइयों को इतना सशक्त करना होगा कि वे विकास में अपनी भूमिका मजबूती से अदा कर सकें.
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पंचायतों की सारी जरूरतें पूरी करेगी सरकार
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार का भाव आपकी कठिनाइयों को समझकर उसका हल निकालना है. आज प्यासा कुएं के पास नहीं आया है. कुआं प्यासे के पास आया है. सरकार आपकी सारी जरूरतें पूरी करेगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां शुरू से ही तालाब, पोखर, बावड़ी, कुएं की व्यवस्था थी. लेकिन, हमें इन्हें सहेजने के काम को कर्म कांड की तरह नहीं लिया, बल्कि तीन महीने तक सतत अभियान चलाया. इन्हीं की बदौलत राज्य को पुरस्कार मिले. पानी की बूंद-बूंद अहम है. जल से हमारा संबंध प्राण और आत्मा का है. जल के पास जाते ही हमें अलग तरह का अहसास होता है. जल की रचना कुछ ऐसी है कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन ज्वार-भाटा आते हैं. डॉक्टर और अस्पताल वाले भी इन तिथियों में अधिक मरीज आने की संभावना रखते हैं. प्रदेश सरकार ने पंचायतों के माध्यम से एक बगिया मां के नाम की शुरुआत की है. राज्य सरकार ने सरपंचों को 25 लाख तक की राशि खर्च करने का अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है आगे और कार्य करेंगे.
काम को मिलेगा सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की है कि जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के उपाध्यक्ष अभी शिक्षा समितियों के अध्यक्ष होते हैं, लेकिन उनके कार्यों को शामिल नहीं किया जाता. लेकिन, अब उनके द्वारा किए विद्यालय का निरीक्षण और सुझावों को लिपिबद्ध किया जाएगा और इन पर कार्य भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतों को पीने के पानी का प्रबंध करने का अधिकार दिया है. पंचायतें विकास का संकल्प लेकर आगे बढ़ें. निवेश और निवास की बेहतर व्यवस्था के लिए मास्टर प्लान बनाएं. इसकी शुरुआत विदिशा जिले से की जा रही है. राज्य सरकार किसानों को सोलर पंप योजना के माध्यम से लाभ पहुंचा रही है. अगर कोई किसान तीन हॉर्स पावर से 5 हॉर्स पावर तक का सोलर पंप लेता है तो उसे 90 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। पंचायतें इस योजना को भी आगे बढ़ाएं.
आत्मनिर्भरता के लिए चल रहा अभियान
कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि यह आयोजन त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के बेहतर क्रियान्वयन के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है. यहां सरपंच और सचिव प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि देश के विकास में पंचायत व्यवस्था को सबसे अहम माना गया है. अगर हमारे जिला या जनपद के सीईओ और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच समन्वय की आवश्यकता है. सभी को मिलकर सेमी अर्बन डेवलपमेंट और वित्त जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन करने की जरूरत है. देश में आत्मनिर्भरता के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला है. मंत्री पटेल ने कहा कि केवल पैसा आत्मनिर्भरता का पैमाना नहीं है. अगर ग्राम पंचायतें तय कर लें तो किसी की हिम्मत नहीं कि कि कोई नशा करे और उसके कारोबार में लिप्त रहे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की हर पंचायत में दिसंबर 2026 तक श्मशान घाट और उसके लिए सभी बुनियादी सुविधाएं जुटाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के माध्यम से प्रदेश के दूर दराज के एक-एक गांव में पक्की सड़क बन रही है. आज हमारा प्रदेश पीएम जनमन और पीएम आवास निर्माण कराने में देश में अग्रणी है. समग्र रूप से श्रेष्ठ कार्य श्रेणी में खंडवा, रायसेन और बालाघाट जिला कलेक्टरों सहित अन्य अधिकारियों को पुरस्कृत किया गया. खेत तालाब श्रेणी में बालाघाट, अनूपपुर, सहयोगी संगठनों को पुरस्कार मिला.
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