मध्यप्रदेश: हाईकोर्ट जज ने पन्ना कलेक्टर को लगाई फटकार, जानिए क्या था मामला
विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: हाईकोर्ट के जज ने पन्ना कलेक्टर को फटकार लगाई है। पन्ना जिले में गुन्नौर जनपद उपाध्यक्ष के चुनाव में हारे हुए बीजेपी समर्थक प्रत्याशी को जिताने के आरोप के बाद दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कलेक्टर का नाम लेकर जज ने फटकार लगा दी। पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा का नाम लेकर फटकार लगाते जबलपुर हाईकोर्ट के जज विवेक अग्रवाल ने कहा, पन्ना कलेक्टर सत्ताधारी बीजेपी के पॉलिटिकल एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।
क्या था मामला
दरअसल, पन्ना जिले के गुन्नौर जनपद उपाध्यक्ष पद के लिए 27 जुलाई को हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थक परमानंद शर्मा को 13 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी समर्थक राम सिरोमणि मिश्रा ने 12 वोट हासिल किए थे। जिसके बाद परमानंद शर्मा को विजेता घोषित कर निर्वाचन अधिकारी ने बकायदा जीत का प्रमाण पत्र भी सौंप दिया था, लेकिन उसी दिन 1 वोट से हारे हुए प्रत्याशी राम सिरोंमणि मिश्रा ने बैलेट पर स्याही होने का हवाला देते हुए निर्वाचन अधिकारी पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा से अपील की।
जिसके बाद कलेक्टर ने आनन-फानन में सुनवाई करते हुए तत्काल पुनर्मतगणना का आदेश दे दिया। फिर अगले दिन मतगणना में एक मत निरस्त करते हुए पर्ची उठवाई गई, जिसमें हारे हुए राम शिरोमणि मिश्रा विजेता घोषित कर दिए गए। गुन्नौर जनपद उपाध्यक्ष के चुनाव में धांधली को लेकर परमानंद शर्मा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई। जिसके बाद हाईकोर्ट के जज ने पन्ना कलेक्टर को फटकार लगाई।
वकील मनोज शर्मा का कहना है किचुनाव याचिका धारा 122 पंचायत राज एवं ग्राम सुधार अधिनियम के प्रावधान के तहत चुनाव को चुनौती देने की याचिका पन्ना कलेक्टर के सामने लगाई गई। उसी शाम को बिना नोटिस दिए उस याचिका को मंजूर कर चुनाव को रद्द कर दिया गया और पर्ची के जरिए विजेता घोषित करने का फैसला ले लिया गया। अगले दिन आनन-फानन में मात्र 8-9 लोगों के बीच पर्ची के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया और 27 जुलाई को हारे हुए प्रत्याशी राम शिरोमणि मिश्रा को विजेता घोषित कर सर्टिफिकेट दे दिया गया।
कलेक्टर को भी बनाया पक्षकार
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर कलेक्टर को भी पक्षकार बना दिया है। कलेक्टर को नोटिस जारी किया जाएगा। 17 अगस्त को अगली सुनवाई में हाईकोर्ट के सामने कलेक्टर अपना पक्ष पेश करेंगे कि कैसे आनन फानन में ये कार्रवाई की गई? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को याचिका पर कलेक्टर ने जो चुनाव रद्द करने का आदेश पारित किया था उसे हाईकोर्ट ने स्थगित करते हुए याचिकाकर्ता परमानंद शर्मा को गुन्नौर जनपद उपाध्यक्ष पद पर विजेता घोषित किया है। बहरहाल ये शायद पहला मामला है जब हाईकोर्ट ने चुनाव में किसी कलेक्टर को सीधे तौर पर सत्ताधारी पार्टी का पॉलिटिकल एजेंट कहा है।
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