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ललन सिंह की मांग, PFI पर बैन के सबूतों को सार्वजनिक करे मोदी सरकार, बताएं क्यों प्रतिबंध लगाया

सौरभ कुमार, पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर भारत सरकार को साक्ष्य सार्वजनिक करना चाहिए। ललन सिंह ने कहा कि केंद्र ने किस आधार पर पीएफआई के खिलाफ प्रतिबंध लगाया गया […]

सौरभ कुमार, पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर भारत सरकार को साक्ष्य सार्वजनिक करना चाहिए। ललन सिंह ने कहा कि केंद्र ने किस आधार पर पीएफआई के खिलाफ प्रतिबंध लगाया गया है, उन्हें वे सारे साक्ष्य बताने चाहिए। संबंधित मंत्रालय को भी पूरे मुद्दे पर जांच प्रक्रिया और साक्ष्यों को बताना चाहिए ताकि सबको पता चल सके कि किन कारणों से पीएफआई को प्रतिबिंबित किया गया है। अभी पढ़ें PFI बैन को लेकर ओवैसी की प्रतिक्रिया, बोले- कोई मुसलमान अब अपनी बात रखेगा, तो आप…

जदयू को फिलहाल प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं: ललन सिंह

उन्होंने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध के मुद्दे पर जदयू को फिलहाल कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है, बल्कि केंद्र को प्रतिबंधित से जुड़े साक्ष्य और कारणों को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई पर एनआईए ने कार्रवाई की थी तब बिहार सरकार और स्थानीय पुलिस ने पूरा सहयोग किया था। भाजपा नेता सुशील मोदी द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध के मुद्दे पर जदयू और राजद सहित महागठबंधन नेताओं पर की गई टिप्पणी पर ललन सिंह ने कहा कि इन दिनों सुशील मोदी अनाप-शनाप बोलते हैं। वे लम्बे समय से बेरोजगार थे। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद फिर से उन्हें कुछ रोजगार मिल गया है, इसलिए वे राज्य सरकार और महागठबंधन नेताओं के खिलाफ दिन भर प्रतिक्रिया देते रहते हैं।

पीएफआई और सहयोगी संगठनों पर लगा 5 साल का बैन

इस संगठन के खिलाफ देशभर में पिछले कई दिनों से छापेमारी चल रही थी, जिसके बाद ये बड़ी कार्रवाई की गई है। पीएफआई को गैर कानूनी संगठन घोषित करते हुए अगले पांच साल के लिए बैन लगाया गया है। साथ ही इससे जुड़े तमाम दूसरे संगठनों पर भी ये प्रतिबंध लागू होगा। इससे पहले एनआईए की तरफ से देशभर के तमाम राज्यों में इस संगठन के खिलाफ छापेमारी की गई थी, इस छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत एजेंसियों के हाथ लगे। जिसमें टेरर लिंक के आरोप भी शामिल हैं। अभी पढ़ें PFI Ban: बम बनाने की ट्रेनिंग, गजवा-ए-हिंद और जिहाद की सामग्री…पढें PFI के गुनाह

जानें, कैसे अस्तित्व में आया पीएफआई

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों को आपस में विलय कर बना गया था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल था। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं। अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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