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Kuldeep Yadav: 28 साल बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत लौटे कुलदीप यादव, भारत सरकार से की ये अपील

ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबाद: पाकिस्तान की जेल में 28 साल गुजारने के बाद कुलदीप यादव शुक्रवार को भारत लौट गए। 59 साल के कुलदीप यादव की शारीरिक हालत कमजोर है। आर्थिक तंगी के साथ वह दिल की बीमारी से भी जूझ रहे हैं। उनका मानना है कि देश की सेवा के लिए जीवन के 30 साल […]

ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबाद: पाकिस्तान की जेल में 28 साल गुजारने के बाद कुलदीप यादव शुक्रवार को भारत लौट गए। 59 साल के कुलदीप यादव की शारीरिक हालत कमजोर है। आर्थिक तंगी के साथ वह दिल की बीमारी से भी जूझ रहे हैं। उनका मानना है कि देश की सेवा के लिए जीवन के 30 साल दिए हैं, सरकार अब उनकी मदद को आगे आए। अभी पढ़ें महाराष्ट्र कांग्रेस में उथल-पुथल, 7 विधायक भाजपा में हो सकते हैं शामिल अहमदाबाद के आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज साबरमती से ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने LLB की। इसके बाद 1991 में कुलदीप यादव नौकरी की तलाश में थे। कुछ लोगों ने देश सेवा के लिए पाकिस्तान जाने का प्रस्ताव दिया और वे चले गये। 1992 से 1994 तक पाकिस्तान में रहने के बाद जब वापस भारत लौटने की तैयारी कर रहे थे तभी पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ने उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

लाहौर सेंट्रल जेल में सरबजीत से भी हुई थी मुलाकात

जासूसी के जुर्म में पकड़े जाने के बाद स्थानीय अदालत ने कुलदीप यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, उन्हें लाहौर की सिविल सेंट्रल जेल में रखा गया। यहां हर 15 दिन पर सभी भारतीय कैदियों को एकजुट होने का मौका मिलता था। इसी दौरान कुलदीप की मुलाकात सरबजीत सिंह से भी हुई, जिनकी रिहाई को लेकर भारत में लंबे समय तक अभियान चलाया गया था। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2022 में ही कुलदीप को रिहा किया था जिसके बाद वे 25 अगस्त को वे पाकिस्तान से लौटे। अभी पढ़ें नौसेना में शामिल हुआ INS Vikrant, पीएम मोदी बोले- विशाल, विराट और विहंगम है विक्रांत

अहमदाबाद में बहन के घर पर रह रहे हैं कुलदीप यादव

कुलदीप यादव फिलहाल अहमदाबाद में अपनी बहन रेखा यादव के घर पर रह रहे हैं। घर में आय का कोई स्थायी साधन नहीं है, वे काम करके थोडा बहुत कमाकर घर चलाती हैं। भाई की एंजियोग्राफी कराने व उनके इलाज के लिए उनके पास पैसा नहीं होने के कारण परिवार सरकार से मदद की उम्मीद लगाये हैं। कुलदीप के पिता ओएनजीसी अहमदाबाद में काम करते थे। कुलदीप की गिरफ्तारी के छह साल बाद उनका निधन हो गया था। मूल रूप से यादव परिवार उत्तराखंड के देहरादून का रहने वाला है। करीब 50 साल पहले अहमदाबाद में स्थायी हुआ था। रेखा बताती हैं कि कुलदीप की गिरफ्तारी के बाद से लगातार केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाती रहीं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब कुलदीप जिंदा लौट आया है, इसलिए उसकी तो सरकार को सुध लेनी चाहिए। अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें Click Here - News 24 APP अभी download करें


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