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Jharkhand Tribal Festival: दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महोत्सव का हुआ रंगारंग आगाज

(रांची से विवेक चंद्र), मांदर की थाप पर आदिवासी लोकनृत्य की मनोहर छटा के साथ झारखंड की राजधानी रांची में दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महोत्सव प्रारंभ हुआ है। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। समारोह के मुख्य अतिथि और राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार […]

(रांची से विवेक चंद्र), मांदर की थाप पर आदिवासी लोकनृत्य की मनोहर छटा के साथ झारखंड की राजधानी रांची में दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महोत्सव प्रारंभ हुआ है। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। समारोह के मुख्य अतिथि और राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार भव्य रुप से "झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 मनाया जा रहा है।

विरासत संरक्षित करना नैतिक कर्तव्य 

शिबू सोरेन ने कहा कि आज खुशी की बात है कि हम लोग अपनी भाषा-संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। देश में जनजातीय समाज की अलग पहचान है। अपनी पहचान और विरासत को संरक्षित करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। " उन्होंने कहा कि सामाजिक शक्तियां समाज के अंदर समाज के प्रति सदैव सकारात्मक सोच के साथ विकास के लिए काम करें।

पहली बार महोत्सव

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पहली बार हमारी सरकार यह जनजातीय महोत्सव आयोजित कर रही है ऐसे कार्यक्रम पहले ही आयोजित होने चाहिए थे पर पता नहीं पहले की सरकारों ने ऐसे कार्यक्रम क्यों नहीं आयोजित किए। उन्होंने आगे कहा कि आज समाज के समक्ष अपनी पहचान को लेकर संकट खड़ा हो गया है। क्या यह दुर्भाग्य नहीं है कि जिस अलग भाषा संस्कृति-धर्म के कारण हमें आदिवासी माना गया उसी विविधता को आज के नीति निर्माता मानने के लिए तैयार नहीं है?

हम कैसे मरने दे सकते हैं ?

संवैधानिक प्रावधान सिर्फ चर्चा का विषय बन के रह गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आदिवासियों के लिए अपनी जमीन, अपनी संस्कृति-अपनी भाषा बहुत महत्वपूर्ण है। विकास के नए अवतार से इन सभी चीजों को ख़तरा है। आखिर एक संस्कृति को हम कैसे मरने दे सकते हैं ? विभिन्न जनजातीय भाषा बोलने वालों के पास न तो संख्या बल और न ही धन, बल उदाहरण के लिए हिन्दू संस्कृति के लिए असुर हम आदिवासी ही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिसके बारे में बहुसंख्यक संस्कृति में घृणा का भाव लिखा गया है, मूर्तियों के माध्यम से द्वेष दर्शाया गया है, आखिर उसका बचाव कैसे सुनिश्चित होगा इस पर हमें सोचना होगा।

गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना जल्द

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढने के लिए राशि उपलब्ध करवाने हेतु 'गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लेकर आ रहे हैं। मैं अपने समाज को जानता हूं, अपने झारखंडी लोगों को समझता हूं। मुझे पता है की बैंक से लोन प्राप्त करना मेरे युवा साथियों के लिए कितना कठिनाई पूर्ण रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन मोड में कार्यक्रम चलाकर हम किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढने के लिए राशि उपलब्ध करवाने हेतु 'गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड' योजना लेकर आ रहे हैं।

रीति रिवाज से स्वागत

इस सभा में सांसद शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्वागत आदिवासी रीति रिवाज से किया गया। इसके बाद उन्होंने विभिन्न कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी देखी और उसे सराहा। इस समारोह में देश भर से आए आदिवासी कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत मशहूर लोक गायिका मेघा श्री डालटेन ने गीत गाकर किया इसके बाद झूमर और अन्य लोकनृत्य के कलाकारों ने समां बांध दिया।

आदिवासी व्यंजनों का स्वाद

कार्यक्रम में आदिवासी व्यंजनों के स्टाल भी लगाए गए हैं जो लोगों को खुब पसंद आ रहे हैं। झारखंड जनजातीय महोत्सव के जरिए आदिवासी लोक संस्कृति और लोक रंग की खुशबू न सिर्फ झारखंड बल्कि देश भर में फैल रही है और इसके साथ ही फैल रहा है जल जंगल और प्रकृति से प्यार करने का जज्बा भी ।


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