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Jharkhand Politics: क्या हेमंत के मास्टर स्ट्रोक से कमजोर पड़ गया BJP का ऑपरेशन लोटस!

विवेक चंद्र, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग के फैसले को लेकर राजभवन की चुप्पी और झारखंड सरकार के खिलाफ भाजपा के ट्विटर वॉर के बीच माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने अपनी चाल से भाजपा को न सिर्फ मात दे दी है बल्कि भविष्य के लिए अपनी राजनीतिक जमीन भी […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Sep 10, 2022 12:30
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HEMANT SOREN
हेमंत सोरेन

विवेक चंद्र, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग के फैसले को लेकर राजभवन की चुप्पी और झारखंड सरकार के खिलाफ भाजपा के ट्विटर वॉर के बीच माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने अपनी चाल से भाजपा को न सिर्फ मात दे दी है बल्कि भविष्य के लिए अपनी राजनीतिक जमीन भी तैयार कर ली है।

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हेमंत सोरेन और उनकी सरकार डंके की चोट पर जनता के बीच यह संदेश देने में कामयाब रही है कि आदिवासी हितों को लेकर लिए गए फैसलों के कारण ही उन्हें ऑपरेशन लोटस के जरिए निशाना बनाया जा रहा है। राजनीति अस्थिरता और रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने न सिर्फ मंत्रालय के कामकाज को संभाले रखा बल्कि पुरानी पेंशन योजना को लागू कर जनता की दिलों में जगह बनाने में कामयाब रही।

फिर चर्चा में 1932 का खतियान 

वहीं, विधानसभा के विशेष सत्र में 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी के आरक्षण पर जल्द ही प्रस्ताव लाने की बात कह कर हेमंत सोरेन ने आदिवासियों और ओबीसी वर्ग को एकजुट करने का मास्टर स्ट्रोक खेलकर बीजेपी को बैकफुट पर खड़ा कर दिया है। कई सार्वजनिक सभाओं में हेमंत ने साफ तौर पर कहा है कि आदिवासी होने के कारण ही बीजेपी उन्हें हटाने की कोशिश कर रही है। इसका सामना मजबूती से किया जाएगा।

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कांग्रेस मानती है, जनता के भरोसे को बचाने की लड़ाई!

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजेश ठाकुर यह स्वीकार करते हुए कहते हैं कि हां, हम अपनी रणनीति में कुछ हद तक कामयाब हुए हैं। चुनाव में जनता ने हमें बहुमत दिया है, ऐसे में हमारी लड़ाई जनता के भरोसे को बचाने की है। इसे सिर्फ सरकार बचाने की रणनीति के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।

लव जिहाद पर मुखर है बीजेपी

इधर, बीजेपी लगातार लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश तो कर रही है, पर वो अब तक न तो यूपीए विधायकों की एकजूटता में सेंधमारी कर पाई है और न ही सरकार की नीतियों के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट कर पाई है। हेमंत की यूपीए सरकार के मास्टर स्ट्रोक को भाजपा नकारती तो है, पर उसके पास आगे के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं दिखती।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह कहते हैं कि हम यह नहीं मानते कि हेमंत सोरेन ने कोई मास्टर स्ट्रोक खेला है। बीजेपी विपक्ष में मजबूती के साथ खड़ी है। वो बस घोषणाएं कर रहे हैं। यह सब सरकार की गिरती हुई साख बचाने की कोशिश में जुटे हैं।

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सीपी सिंह कहते हैं कि असली मास्टर स्ट्रोक तब माना जाएगा जब ये घोषणाएं जमीन पर उतरेगी। फिलहाल, झारखंड में सियासी शह-मात के खेल के बीच अब इंतजार यह है कि राजभवन से फैसला आने के बाद हेमंत अपनी अगली चाल कितनी मजबूती से चल पाते हैं।

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Edited By

Om Pratap

Edited By

Manish Shukla

First published on: Sep 09, 2022 04:20 PM

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